दिल्ली में एक और 223 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार की जांच को LG की मंजूरी

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आरोपियों के खिलाफ जांच करना न्याय के हित में है: LG

दोनों मामलों में उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम की धारा 17ए के तहत जांच के प्रस्तावों को मंजूरी दी है। अधिकारियों ने बताया कि उपराज्यपाल ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ जांच करना और पूछताछ करना न्याय के हित में है।

बता दें कि सीबीआई ने बैंक ऑफ बड़ौदा की पहाड़गंज शाखा के पूर्व वरिष्ठ शाखा प्रबंधक एलए खान के साथ आपराधिक साजिश में शामिल होने के आरोप में वन और वन्यजीव विभाग में क्रमशः तत्कालीन वरिष्ठ लेखा अधिकारी और सहायक लेखा अधिकारी पारसनाथ यादव और आलम सिंह रावत के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

जाली पत्र के आधार पर अवैध रूप से ट्रांसफर किए पैसे

वे कथित तौर पर एक जाली पत्र के आधार पर संड्री खाते से उसी शाखा में दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) के नाम पर एक नकली बचत खाते में 223 करोड़ रुपये अवैध रूप से ट्रांसफर करने में शामिल थे। जाली पत्र वन और वन्यजीव विभाग द्वारा जारी किया गया था।

इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की दो महिला कर्मचारियों के खिलाफ कथित रिश्वत मामले में एसीबी ने उन पर दो नर्सिंग अधिकारियों से हल्की ड्यूटी की अनुमति देने के लिए प्रत्येक से 60,000 रुपये की मांग करने का आरोप लगाया। आरोपियों की पहचान चंचल रानी पिसल्ला और रजनेश वर्मा के रूप में हुई है, जो उस समय जीबी पंत अस्पताल में क्रमशः डिप्टी नर्सिंग अधीक्षक और नर्सिंग अधिकारी के रूप में तैनात थीं।

-एजेंसी


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