नई दिल्ली। Xpheno के डेटा से पता चला है कि जुलाई के बाद से यह 55 प्रतिशत की कमी है. तब इन कंपनियों ने 9,000 नौकरियों के लिए ओपनिंग की हुई थी.
Xpheno के अनुसार, जुलाई तिमाही से पहले, इन कंपनियों के पास आमतौर पर भारत में लगभग 40,000 जॉब ओपनिंग्स हुआ करती थीं. पिछले हफ्ते बड़ी टेक कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई, क्योंकि कंपनियां भविष्य की राह को लेकर सावधानी बरत रही हैं.
फेसबुक , अमेज़न, ऐपल , माइक्रोसॉफ्ट , नेटफ्लिक्स और गूगल कंपनियों के समूह को FAAMNG कहा जाता है.
अब कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी और छंटनी की चिंताओं पर ध्यान दिया जा रहा है, क्योंकि ग्राहक खर्च में कटौती कर रहे हैं. कंपनियों ने कर्मचारियों की संख्या कम करने की बात कही है और हायरिंग में मंदी है.
स्किलसेट की बड़ी रेंज और सभी तरह के कार्यों में होने वाली भर्तियों में काफी गिरावट आई है. लीडरशिप रोल, प्रोडक्ट मार्केटिंग, डिजिटल मीडिया, वीडियो प्रोडक्शन, प्रोग्राम और प्रोडक्ट मैनेजमेंट, वेंडर मैनेजमेंट, टेक और कस्टमर सपोर्ट, कन्ज्यूमर इलेक्ट्रोनिक्स, रिस्क मैनेजमेंट, ऑपरेशन्स, डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम्स, मोबाइल डिवाइस, एजाइल प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, इंटरप्राइज़ आर्किटेक्चर, और स्ट्रैटिक पार्टनरशिप जैसे तमाम क्षेत्रों में भर्तियों का आंकड़ा कम हुआ है.
तिमाही नतीजों में कंपनियों ने जो कहा, वही किया
हायरिंग के आंकड़े कंपनी के अधिकारियों द्वारा अपने परिणामों की घोषणा करते समय दिए गए बयानों के अनुरूप हैं, भले ही तिसरी तिमाही एक मजबूत हायरिंग पीरियड है.
मेटा के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर डेब वेनर ने कहा था कि कार्य को बेहतर तरीके से चलाने के लिए कई तरह के बदलाव करने होंगे और हायरिंग काफी धीमी होगी.
कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग के अनुसार, 2023 के अंत तक कंपनी आकार में वर्तमान के बराबर या फिर उससे छोटी हो सकती है.
मेटा के शेयरहोल्ड अल्टीमीटर कैपिटल द्वारा कहा गया है कि सिलिकॉन वैली की गूगल से लेकर मेटा, ट्विटर, उबर जैसी कंपनियां काफी कम लोगों की संख्या के साथ भी लगभग अभी जैसा परिणाम हासिल कर सकने में सक्षम हैं.
-एजेंसी
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.