कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अमेठी की बजाय रायबरेली से चुनाव लड़ने पर बीजेपी ने प्रतिक्रिया दी है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया है कि गांधी परिवार जिस सीट से चुनाव हारता है, उस सीट को छोड़ देता है.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि “गांधी परिवार जहां से चुनाव हारता है, वहां दोबारा नहीं जाता. जैसे राहुल गांधी अमेठी से हार गए तो अमेठी छोड़ गए. इस बार राहुल गांधी रायबरेली से भी हार जाएंगे तो रायबरेली भी छोड़ देंगे.”
समाचार एजेंसी एएनआई से बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, “राहुल गांधी वायनाड से चुनाव हार रहे हैं. इसलिए वो रायबरेली से चुनाव लड़ने जा रहे हैं.”
“पहले उन्होंने (राहुल गांधी) ने अमेठी से हार मानी और वो सीट छोड़कर भागे. अब वायनाड को छोड़कर भाग रहे हैं. अमेठी सीट जो इनके परिवार की सीट मानी जाती थी, वहां से कोई गांधी चुनाव लड़ने को तैयार नहीं था.”
मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, “पंजाब से केएल शर्मा को लाया गया है. कोई कार्यकर्ता भी वहां से चुनाव लड़ने को तैयार नहीं था. वायनाड से भागने के बाद राहुल गांधी को रायबरेली से भी भागना पड़ेगा.”
राहुल गांधी 2004 से 2019 तक अमेठी से सांसद रहे हैं. 2019 में केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने राहुल गांधी को अमेठी सीट से हराया लेकिन इस बार कांग्रेस ने राहुल गांधी की बजाय केएल शर्मा को उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी के टिकट पर स्मृति इरानी अमेठी से चुनाव लड़ रही हैं.
राहुल गांधी पहली बार रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे. सोनिया गांधी 2004 से 2024 तक रायबरेली लोकसभा सीट से सांसद रही हैं. उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी कहा कि “अमेठी से भागने का मतलब ये है कि इस बार कांग्रेस को रायबरेली से भी भागना होगा. अमेठी में कमल का फूल खिल चुका है. अब रायबरेली में भी कमल का फूल खिलेगा.”
“राहुल गांधी में साहस नहीं हो रहा अमेठी से लड़ने का. अब रायबरेली में राहुल गांधी की बड़ी हार होने जा रही है.”
वहीं बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि हार की डर की वजह से राहुल गांधी अमेठी से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं.
अनुराग ठाकुर ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा- “राहुल गांधी कहते थे, डरो मत, डरो मत, डरो मत. लेकिन अब हार का डर राहुल गांधी को कहां कहां ले जा रहा है. कभी अमेठी, कभी वायनाड और अब रायबरेली.’
-एजेंसी