नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के कई दफ्तरों में ‘बेयर मिनियम मंडे’ को अपनाया जा रहा है. जानिए क्या होता है बेयर मिनियम मंडे, यह कैसे कर्मचारियों को राहत दे रहा और किसने की इसकी शुरुआत.
ऑस्ट्रेलिया में नए तरह का वर्क कल्चर शुरू हुआ है. कई दफ्तरों में इसकी शुरुआत हो चुकी है. इसका नाम है ‘बेयर मिनियम मंडे’. यह कर्मचारियों को काम और लाइफ के बीच बैलेंस बनाने में मदद करता है. इसकी शुरुआत कर्मचारियों में सोमवार को होने वाले वर्क स्ट्रेस को कम करने के लिए की गई है. जिसका मकसद हफ्ते की शुरुआत को बेहतर करना है और अतिरिक्त तनाव को कम करना है.
ऑस्ट्रेलिया के कई ऑफिसेज में इस कल्चर को अपनाया जा रहा है.जानिए क्या होता है बेयर मिनियम मंडे, यह कैसे कर्मचारियों को राहत दे रहा और किसने की इसकी शुरुआत.
क्या है ‘बेयर मिनियम मंडे’?
इस खास तरह के ऑफिस कल्चर की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया में एक मार्केटिंग मैनेजर ने की. इसका मकसद हफ्ते के पहले दिन को कर्मचारियों के लिए आसान बनाना है ताकि उन्हें जरूरत से ज्यादा वर्कलोड न महसूस हो. इस कॉन्सेप्ट के मुताबिक, कर्मचारी हर सोमवार को ऑफिस का वही काम करते हैं जो बहुत ज्यादा जरूरी हो. हालांकि एक से दूसरे ऑफिस में यह कॉन्सेप्ट थोड़ा बदला हुआ हो सकता है, लेकिन जिन ऑफिस में यह कॉन्सेप्ट लागू है वहां सोमवार को कर्मचारी का वर्क लोड कम करने की कोशिश की जाती है.
सोमवार के दिन सिर्फ बहुत जरूरी कामों को करने से कर्मचारियों पर अतिरिक्त बोझ कम पड़ता है और वो दूसरे दिनों के मुकाबले ज्यादा बेहतर महसूस करते हैं. माना जाता है कि हफ्ते की शुरुआत बेहतर होने पर वो अपने काम को लेकर पॉजिटिव रहते हैं.
क्यों बनाया गया नया वर्क कल्चर?
इस वर्क कल्चर को तैयार करने वाली मार्केटिंग मैनेजर कैटलिन विंटर कहती हैं, बेयर मिनियम मंडे कॉन्सेप्ट वर्कप्लेस पर कर्मचारियों को अपनी तरह से काम करने का मौका देता है. यही वजह है कि उनके हफ्ते की शुरुआत बेहतर होती है और पूरे हफ्ते वो एनर्जी बनी रहती है. हफ्ते के पहले ही दिन उनमें काम के लोड को देखकर तनाव की स्थिति नहीं बनती.
कैटलिन कहती हैं, सोमवार को उनकी टीम के मेम्बर्स वर्क फ्रॉम होम कर सकते हैं. हफ्ते के पहले दिन कोई भी मीटिंग शेड्यूल नहीं की जाती. इसलिए कर्मचारी सिर्फ अपनी जरूरी ड्यूटीज पर फोकस करते हैं. यह ऑफिस कल्चर बहुत जरूरी है क्योंकि यह उनके कर्मचारियों में वो करने का मौका देता है जिसे वो वीकेंड पर पूरा नहीं कर पाते.
वह कहती हैं, इस वर्ककल्चर के कारण कर्मचारियों को कुछ राहत भी दी जाती है. जैसे- मेरी टीम की एक मेम्बर बाकी हफ्ते बिजी रहती है, लेकिन सोमवार को वो अपने बच्चे को स्कूल छोड़ने और लेने जा सकती है. क्योंकि इस दिन कई तरह की छूट मिलती है. इस तरह उन्हें समय मिलता है कि वो काम और लाइफ को बैलेंस कर सकें. इस तरह उनकी फैमिली लाइफ भी बेहतर चलती है, वो ज्यादा खुश रहते हैं और एक बेहतर कर्मचारी साबित होते हैं.
-एजेंसी
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