जानिए! क्या हैं ब्रिटेन के ग्रूमिंग गैंग्स जिसे लेकर उठ रहीं पाकिस्तानी मूल के लोगों पर उंगलियां

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50 हजार लड़कियां ग्रूमिंग गैंग्स का हुईं शिकार

एक एनजीओ की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 16-17 साल की करीब 50 हजार लड़कियां ग्रूमिंग गैंग्स का शिकार हुई हैं। गौर करने वाली यह है कि इनमें से केवल 5,000 लड़कियों ने ही पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।

ग्रूमिंग गैंग्स के ज्यादा सदस्य पाकिस्तानी मूल के

ब्रिटेन के थिंक टैंक क्विलियम फाउंडेशन ने भी 2017 में इस मामले में एक रिपोर्ट जारी किया था, जिसमें दावा किया गया था कि ग्रूमिंग गैंग्स के 84 फीसदी अपराधी एशियाई मूल के होते हैं। इनमें से भी ज्यादातर पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक होते हैं। 2015 के एक पिछले शोध में पाया गया कि “समूह और गिरोह-आधारित बाल यौन शोषण” के 1,231 अपराधियों में से 42 फीसद को श्वेत, 14 फीसद को एशियाई या एशियाई ब्रिटिश और 17 फीसद अश्वेत के रूप में परिभाषित किया गया था।

ग्रूमिंग गैंग्स के काम करने का तरीका

ग्रूमिंग गैग्स के लोग छोटी और कमजोर लड़कियों को अपना निशाना बनाते हैं। वे उन्हें गिफ्ट्स देते हैं और यह एहसाल दिलाते हैं कि वह उनसे बहुत प्यार करते हैं। वहीं, जब लड़कियां इन पर विश्वास करने लगती हैं, तो वे इन्हें शोषण के जाल में फंसा देते हैं।

ग्रूमिंग गैंग्स के लोग इन लड़कियों को पार्टी में ले जाते हैं, उन्हें ड्रग्स देते हैं और एक या एक से अधिक लोगों के साथ संबंध बनाने के लिए मजबूर करते हैं। इनमें से कई लड़कियां गर्भवती भी हुई, जिन्हें गर्भपात कराना पड़ा। हालांकि, कुछ ने अपने बच्चे को जन्म दिया, लेकिन उन्हें इसके पिता का नाम नहीं मालूम था। ग्रूमिंग गैंग्स ने रोशडेल, रॉदरहैम और टेलफॉर्ड राज्यों में सबसे ज्यादा लड़कियों को अपने चंगुल में फंसाया।

स्पेशल टास्क फोर्स का होगा गठन- ऋषि सुनक

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि ग्रूमिंग्स गैग्स के लोगों से निपटने के लिए एक स्पेशल टास्क फोर्स बनाई जाएगी। इस टास्क फोर्स में बच्चों के शोषण को समझने के लिए विशेषज्ञ अधिकारी शामिल रहेंगे। सुनक ने कहा कि गैंग के सदस्यों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। वे किस नस्ल के हैं, इसका डेटा भी बनाएंगे।

पाकिस्तान ने जताई आपत्ति

ब्रिटेन की गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन ने कहा कि ग्रूमिंग गैंग्स के ज्यादातर सदस्य ब्रिटिश पाकिस्तानी हैं। ये सभी पुरुष हैं। ब्रेवरमैन के इस बयान पर पाकिस्तान ने कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि किसी एक व्यक्ति के अपराध के आधार पर पूरी समुदाय पर लगाना सही नहीं है।

2014 में प्रकाशित रॉदरहैम मामले (Rotherham case) की अपनी स्वतंत्र समीक्षा में, प्रोफेसर एलेक्सिस जे ने निष्कर्ष निकाला कि ज्ञात अपराधियों में से अधिकांश पाकिस्तानी मूल के थे, जिनमें 2010 में दोषी ठहराए गए पांच पुरुष भी शामिल थे। ग्रेटर मैनचेस्टर पुलिस ने फरवरी 2012 में रोचडेल दुर्व्यवहार कांड में मुकदमे में दोषी पाए गए लोगों की पहचान ब्रिटिश पाकिस्तानी के रूप में की।

Compiled: up18 News