नरोदा ग्राम नरसंहार मामले में कोर्ट के फैसले पर कपिल सिब्बल और ओवैसी ने दी अपनी प्रतिक्रिया

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उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है- नरोदा ग्राम: 12 साल की एक लड़की समेत 11 नागरिक मारे गए. 21 साल बाद 67 अभियुक्त बरी. ऐसे में क्या हमें क़ानून के शासन का जश्न मनाना चाहिए या इसके ख़त्म हो जाने पर निराश होना चाहिए.

दो दशक से भी ज़्यादा समय के बाद गुजरात की एक अदालत ने नरोदा नरसंहार के मामले में सभी 67 अभियुक्तों को बरी कर दिया. इनमें गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी भी शामिल हैं.

अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए सबूतों में पत्रकार आशीष खेतान के एक स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो और उस दौरान कोडनानी, बजरंगी और अन्य के कॉल विवरण शामिल थे.

गोधरा ट्रेन कांड के एक दिन बाद हुई थी हिंसा

गौरतलब है कि 27 फरवरी 2002 को कारसेवकों से भरी एक ट्रेन अयोध्या से लौट रही थी, जिस पर हमला कर दिया गया था. गोधरा ट्रेन कांड में 58 कारसेवकों की मौत हो गई थी. इसके एक दिन बाद अहमदाबाद शहर के नरोदा गाम इलाके में हिंसा हो गई थी.

असदुद्दीन ओवैसी ने भी कोर्ट के फैसले पर कसा तंज

एआईएमआईएम चीफ़ असदुद्दीन ओवैसी ने 2002 के नरोदा पाटिया नरसंहार की अभियुक्त पूर्व बीजेपी विधायक माया कोडनानी और अन्य लोगों को स्पेशल कोर्ट की ओर से बरी किए जाने के फैसले पर तंज़ किया है.

उन्होंने एक शेर के ज़रिए इस पर प्रतिक्रिया दी है.

उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, ”जिधर से गुज़रो धुआं बिछा दो, जहाँ भी पहुँचो धमाल कर दो. तुम्हें सियासत ने ये हक़ दिया है, हरी ज़मीन को लाल कर दो. अपील भी तुम, दलील भी तुम, गवाह भी तुम वकील भी तुम. जिसे भी चाहो हराम कह दो, जिसे भी चाहो हलाल कर दो.”

Compiled: up18 News