एक खबर कैसे शेयर बाजार में भूचाल ला सकती है, यह हमें बुधवार को देखने को मिला। सिर्फ एक रिपोर्ट और अडानी ग्रुप के शेयरों में बिकवालों का तांता लग गया। रिटेल इन्वेस्टर्स एक-दूसरे को फोन करके बोल रहे थे कि भाई अडानी के शेयर निकाल लो, कोई रिपोर्ट आई है।
24 जनवरी को आयी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने गौतम अडानी की संपत्ति में सिर्फ एक दिन में 7 अरब डॉलर गिरावट ला दी थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि वह अडानी ग्रुप के शेयरों में शॉर्ट पोजीशंस पर है। रिपोर्ट में अडानी की कंपनियों को 85 फीसदी से अधिक ओवरवैल्यूड बताया गया था। साथ ही ग्रुप के कर्ज पर सवाल उठाए गए थे। लेकिन अडानी ग्रुप की तरफ से इस रिपोर्ट को बकवास और भ्रामक बताकर भारी विरोध जताया गया है। ग्रुप हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ कानूनी कार्रवाई में भी लगा है। आइए अब इस मामले के बारे में विस्तार से जानते हैं।
हिंडनबर्ग उठाना चाहता था गिरावट का फायदा
फॉरेंसिक फाइनेशियल रिसर्च फर्म Hindenburg ने एक रिपोर्ट जारी की। इसमें अडानी ग्रुप की कंपनियों को 85 फीसदी से ज्यादा ओवरवैल्यूड बताया गया था। साथ ही कहा गया कि हिंडनबर्ग यूएस-ट्रेडेड बांड और नॉन इंडियन ट्रेडेड डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट्स के माध्यम से अडानी ग्रुप के शेयरों में शॉर्ट पोजीशंस रखेगी। शॉर्ट सेलिंग में पहले ट्रेडर कंपनी के शेयर सेल करता है और फिर भाव गिरने पर खरीद लेता है। शॉर्ट सेलिंग के लिए आपके पास पहले से शेयर होने की जरूरत नहीं होती। इसका सीधा मतलब है कि हिंडनबर्ग रिसर्च अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट का फायदा उठाना चाहता था।
अडानी ग्रुप ने बताया दुर्भावनापूर्ण रिपोर्ट
अडानी ग्रुप के लीगल हेड जतिन जालंधवाला ने गुरुवार को कहा कि ’24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा प्रकाशित दुर्भावनापूर्ण, शरारती और बिना रिसर्च वाली रिपोर्ट ने अडानी ग्रप, हमारे शेयरधारकों और निवेशकों को काफी अधिक प्रभावित किया है। इस रिपोर्ट द्वारा भारतीय शेयर बाजार में पैदा की गई अस्थिरता बड़ी चिंता का विषय है और इससे भारतीय नागरिकों को काफी नुकसान पहुंचाया है। स्पष्ट रूप से इस रिपोर्ट को अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर प्राइस पर निगेटिव इफेक्ट डालने के लिए डिजाइन किया गया था। हिंडनबर्ग रिसर्च को अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट का फायदा उठाना था।’
अडानी ग्रुप करेगा कानूनी कार्रवाई
जालंधवाला ने कहा कि एक विदेशी इकाई द्वारा अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ से पहले किए गए इस दुर्भावनापूर्ण प्रयास से हम बहुत डिस्टर्ब हैं। ऐसा निवेशक समुदाय और आम जनता को गुमराह करने तथा अडानी ग्रुप की इमेज को खराब करने के उद्देश्य से किया गया। हम हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ उपचारात्मक और दंडात्मक कार्रवाई के लिए अमेरिकी और भारतीय कानूनों के तहत प्रासंगिक प्रावधानों का मूल्यांकन कर रहे हैं।
अडानी ग्रुप के सीएफओ ने बताया बकवास
अडानी ग्रुप के सीएफओ जुगशिंदर सिंह ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को बकवास बताया है। उन्होंने इसे आधारहीन बताया। उन्होंने कहा कि जिस तरह के आरोप लगाए गए हैं, उनमें फैक्ट हैं ही नहीं। उन्होंने इसे उन्होंने दुर्भावना से प्रेरित भी बताया। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने हमसे संपर्क करने या मैट्रिक्स को वेरिफाई करने की कोशिश नहीं की। सिंह ने कहा कि यह रिपोर्ट गलत सूचनाओं से भरी हुई है।
एफपीओ को नुकसान पहुंचाना था उद्देश्य
अडानी ग्रुप के सीएफओ ने कहा, ‘हिंडनबर्ग ने यह रिपोर्ट जारी करने का समय सोच-समझकर चुना। इस रिपोर्ट का उद्देश्य अडानी एंटरप्राइजेज के आने वाले एफपीओ को नुकसान पहुंचाना भी था। अडानी एंटरप्राइजेज का 20 हजार करोड़ रुपये का एफपीओ 27 जनवरी को लॉन्च हो रहा है।
कितने गिरे शेयर
अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन लिमिटेड का शेयर बुधवार को 6.30 फीसदी गिरकर 712.90 रुपये पर बंद हुआ। अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर 1.54 फीसदी गिरकर 3389.85 पर बंद हुआ। अडानी पावर का शेयर 4.99 फीसदी गिरकर 261.10 रुपये पर बंद हुआ। अडानी ट्रांसमिशन का शेयर 8.87 फीसदी या 2511.75 रुपये पर बंद हुआ। अडानी ग्रीन एनर्जी का शेयर 3.04 फीसदी गिरकर 1855 रुपये पर बंद हुआ। अडानी टोटल का शेयर 5.59 फीसदी या 3668.15 रुपये पर बंद हुआ। वहीं, अडानी विलमर का शेयर 5 फीसदी के लोअर सर्किट के साथ 544.50 रुपये पर बंद हुआ।
Compiled: up18 News