आगरा। ब्रज के वीर योद्धाओं को सरकारी स्तर पर सम्मान दिलाने की मांग को लेकर अखिल भारतीय जाट महासभा के प्रतिनिधिमंडल ने आज उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य को एक ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम था। साथ ही प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त, आगरा मंडल से भी भेंट कर ऐतिहासिक तथ्यों के साथ अपनी मांगों को विस्तार से प्रस्तुत किया।
जाट महासभा के जिलाध्यक्ष कप्तान सिंह चाहर ने बताया कि मुग़ल शासन के दौरान ब्रज क्षेत्र में अमानवीय अत्याचार हुए, जिनके विरुद्ध सबसे पहले वीर गोकुल सिंह (गोकुला जाट) ने आवाज़ उठाई। उन्होंने 1660 के दशक में औरंगजेब के विरुद्ध विद्रोह किया और उसकी सेना को करारा जवाब दिया। अंततः गोकुला और उनके चाचा उदय सिंह को आगरा में निर्मम तरीके से मृत्युदंड दिया गया।
इस अमानुषिक हत्या का बदला लेने के लिए रामकी चाहर और राजाराम जाट ने 27 फरवरी 1688 को सिकंदरा पर हमला कर अकबर की कब्र को खोद डाला और उसकी अस्थियों को जलाकर प्रतिशोध लिया।
महासभा ने यह भी बताया कि 12 जून 1761 को महाराजा सूरजमल ने आगरा किला जीतकर ब्रज को मुग़लों से मुक्ति दिलाई। उन्होंने, उनके पुत्र महाराजा जवाहर सिंह, राजा रतन सिंह और राजा नवल सिंह ने 14 वर्षों तक आगरा पर शासन कर जनकल्याण के अनेक कार्य किए।
प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि किसी प्रमुख उद्यान का नाम वीर गोकुला और महाराजा सूरजमल के नाम पर रखा जाए। रामकी चाहर व राजाराम जाट के नाम पर सिकंदरा मेट्रो स्टेशन का नाम हो और वहां अश्वारोही प्रतिमा लगाई जाए। आगरा किले के सामने सूरजमल और जवाहर सिंह की प्रतिमा लगाई जाए। 12 जून को आगरा विजय दिवस के रूप में राज्य स्तर पर मनाया जाए।
कैबिनेट मंत्री और आयुक्त से भेंट करने वाले प्रतिनिधियों में जिलाध्यक्ष कप्तान सिंह चाहर, कुं. शैलराज सिंह (एडवोकेट), मोहन सिंह चाहर, यशपाल राना (पूर्व ब्लॉक प्रमुख), गुड्डा प्रधान सुनारी, वीरेन्द्र सिंह छोंकर (महामंत्री), डा. नेत्रपाल सिंह (उपाध्यक्ष), चौ. नवल सिंह, चौ. गुलवीर सिंह, देवेंद्र सिंह चाहर (पूर्व ब्लॉक प्रमुख), लखन चौधरी (महानगर अध्यक्ष), नैपाल सिंह राना (जिला संगठन मंत्री), सत्यवीर सिंह रावत, बलवीर सिंह मुखिया आदि शामिल थे।