माफिया अतीक का देवरिया जेल में 20 माह तक चला था सिक्का, आतंक याद कर सिहर जा रहे जेल के कर्मचारी

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देवरिया । प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की हत्या की खबर देवरिया पहुंची तो लोगों में उसके आतंक की याद ताजा हो गई। अतीक के आतंक का नाता छह वर्ष पूर्व देवरिया जिला कारागार से भी रहा था। यहां जेल में 20 माह तक उसका सिक्का चला था। उसका आतंक याद कर जेल परिसर में काम करने वाले वर्तमान व पुराने कर्मचारी सिहर जा रहे हैं।

एक इशारे पर कराई जाती थी गुर्गों से मुलाकात

अतीक के एक इशारे पर उसके गुर्गों से मुलाकात कराई जाती थी। हर दिन उसके मनपसंद भोजन भी तैयार किए जाते थे, जेल बैरक के बाहर से सीबीआइ की जांच में मुर्गे व बकरे की हड्डियां भी बरामद की गई थी। तीन अप्रैल 2017 को जिला कारागार में प्रयागराज से माफिया अतीक अहमद को शिफ्ट किया गया था। तेजतर्रार जेल अधीक्षक ने सख्ती दिखाई तो विवाद खड़ा हो गया था। बाद में जेल अधीक्षक का गैर जनपद स्थानान्तरण हो गया। इसके बाद तो अतीक का जिला कारागार में सिक्का चलने लगा।

जेल प्रशासन का कोई भी कर्मचारी उसके साथ सख्ती नहीं दिखा पाता। इसी का नतीजा रहा कि लखनऊ के आलमबाग के विश्वेश्वर नाथ के रहने वाले मोहित जायसवाल का 26 दिसंबर 2018 को अतीक के गुर्गे लखनऊ से अपहरण कर देवरिया जेल में लाए और अतीक व उसके गुर्गों ने पिटाई की। साथ ही कागजात पर जबरिया हस्ताक्षर करा लिया था। यह प्रकरण खुलने के बाद ही अतीक का देवरिया जेल से 30 दिसंबर 2018 को बरेली जेल भेजने का आदेश हो गया था।

सीबीआइ ने की थी प्रकरण की जांच

मामला इतना बढ़ा कि जेल अधीक्षक, जेलर समेत कई कर्मचारी निलंबित किए गए और उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया। इसकी जांच सीबीआइ को सौंपी गई और 2019 में सीबीआइ के एसपी एसके खरे और एएसपी प्रशांत कुमार के नेतृत्व में टीम ने जांच की थी।

होटलों में रहते थे अतीक के गुर्गे

देवरिया जेल में जब तक अतीक रहा, तब तक उसके गुर्गे देवरिया के होटलों में ठहरे रहे। जब वह पेशी पर जाता तो उसके गाड़ियों के आगे पीछे अतीक के गुर्गों की लग्जरी गाड़ियां निकलती थीं।

अतीक के शिफ्ट होने के बाद जेल में लगाया गया जैमर

देवरिया जिला कारागार की गिनती पहले सबसे सुरक्षित जेल में हुआ करती थी। लेकिन अतीक के शिफ्ट होने के बाद इस जेल में सख्ती खत्म हो गई। इसको देखते हुए प्रशासन ने जैमर तो लगवाया, लेकिन उसके 2जी होने के चलते जेल में मोबाइल का संचालन भी होता रहा। उसके 20 माह के अंदर रहने के दौरान कारागार से 52 मोबाइल जांच के दौरान बरामद हुई थीं।