दुनिया के लेफ्टिस्‍ट लीडर्स पर जमकर बरसीं इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी, PM मोदी का किया समर्थन

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समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ उन्होंने कहा, हमारी सरकार इटली को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर स्थान दिलाने के लिए बिना थके काम कर रही है.

हम दुनिया में हमारी भूमिका को एक बार फिर वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने के लिए इटली को बेहतर और आधुनिक बना रहे हैं. हमारा लक्ष्य एक ऐसे इटली का निर्माण करना है, जो एक बार फिर दुनिया को चौंका दे.

उन्होंने कहा, ट्रंप की जीत से लेफ़्ट नर्वस है. उनकी (लेफ्ट) चिड़चिड़ाहट अब उन्माद में बदल चुकी है. ऐसा इसलिए नहीं है कि कंज़र्वेटिव्स जीत रहे हैं, बल्कि इसलिए है क्योंकि कंज़र्वेटिव्स अब वैश्विक स्तर पर एकसाथ आ रहे हैं.

वाशिंगटन डीसी में कंजर्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस (CPAC) में वर्चुअली जुड़कर इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने लिबरल नेटवर्क पर निशाना साधते हुए कहा कि उदारवादी लोग दक्षिणपंथी (Right Wing) नेताओं के उदय से काफी निराश हो गए हैं, खास तौर से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्हाइट हाउस में लौटने के बाद.
मेलोनी ने कहा कि वामपंथी घबरा गए हैं और जब से डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव जीते हैं, तब से उनकी चिड़चिड़ाहट उन्माद में बदल गई है. ऐसा सिर्फ इसलिए नहीं है कि रूढ़िवादी जीत रहे हैं, बल्कि इसलिए भी है कि रूढ़िवादी अब वैश्विक स्तर पर सहयोग कर रहे हैं.

मेलोनी ने कहा, जब 90 के दौर में बिल क्लिंटन और टोनी ब्लेयर ने ग्लोबल लेफ़्टिस्ट लिबरल नेटवर्क बनाया था, तो उनको स्टेट्समैन कहा गया था. आज जब ट्रंप, मेलोनी, मिलाए (अर्जेंटीना के राष्ट्रपति) या फिर मोदी बात करते हैं, तो उनको लोकतंत्र के लिए ख़तरा बताया जाता है. यह दोहरे मापदंड हैं और हमें इनकी आदत पड़ चुकी है. अच्छी ख़बर यह है कि लोग अब उनके झूठों पर यकीन नहीं करते हैं. नागरिक हमारे लिए वोट कर रहे हैं.

मेलोनी के संबोधन का लेफ्ट विंग ने किया विरोध

बता दें कि CPAC को संबोधित करने के PM मेलोनी के फैसले का रोम में उनके राजनीतिक विरोधियों ने कड़ा विरोध किया है. विपक्षी सांसदों ने प्रधानमंत्री मेलोनी से उनकी भागीदारी रद्द करने की मांग उठाई है. गौरतलब है कि राइट विंग ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी के नेता के तौर पर प्रधानमंत्री मेलोनी जनवरी में राष्ट्रपति ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने वाली एकमात्र यूरोपीय संघ सरकारी की प्रमुख थीं.