धार्म‍िक ही नहीं व‍िज्ञान की दृष्ट‍ि से भी आवश्यक है सावन में शराब और मीट छोड़ना

Health

प्रजनन का माह

सावन को प्रजनन यानी ब्रीडिंग का महीना माना जाता है, ज्यादातर जीव इसी माह ब्रीडिंग करते हैं, ऐसा माना जाता है कि यदि हम कोई ऐसा जीव खाएंगे जो प्रेग्नेंट हैं तो हमारी शरीर को नुकसान पहुंचेगा. इस बात के वैज्ञानिक तथ्य भी हैं, साइंस ऐसा मानती है कि यदि हम प्रेग्नेंट जीव का मांस खाते हैं तो हमारे शरीर में हार्मोनल डिस्टरबेंस होता है जिससे भविष्य में कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं.

कमजोर पाचन शक्ति

सावन माह में आसमान में बादल जाए रहते हैं, कई-कई दिन तक सूरज के दर्शन नहीं होते, ऐसे में हमारा मेटाबॉलिज्म यानी पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है. नॉनवेज तामसी भोजन माना जाता है, जो आसानी से नहीं पचता. इससे स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें होती हैं, जो कई गंभीर बीमारियों का कारण बन जाता है.

इंफेक्शन का खतरा

सावन के मौसम में लगातार बारिश होने की वजह से संक्रामक बीमारियां फैलती हैं, साइंस ये मानती है कि संक्रामक बीमारियां सबसे पहले जीवों को अपना शिकार बनाती हैं, ऐसे में माना जाता है कि यदि बारिश के मौसम में नॉनवेज खाने से संक्रामक बीमारियों का शिकार होने का खतरा बना रहता है. इसीलिए इस तरह के खाने को छोड़ देने की सलाह दी जाती है.

आयुर्वेद भी करता है इनकार

आयुर्वेद भी कहता है कि सावन में शराब और मीट छोड़ देनी चाहिए. आयुर्वेद के मुताबिक इस महीने में शरीर की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है, ऐसे में नॉनवेट और मसालेदार भोजन बीमारियों का कारण बन जाता है. सावन में सोमवार को रहने वाले व्रत को भी इम्यूनिटी और पाचन शक्ति कमजोर होने से ही जोड़ा जाता है.

– एजेंसी


Discover more from Up18 News

Subscribe to get the latest posts sent to your email.