इसराइल के राजदूत ने कहा, भारत अब विश्व शक्ति बनने की राह पर

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उन्होंने ये भी बताया कि इसराइल-भारत के संबंधों के 30 साल पूरे होने पर हरियाणा में एक सेंटर ऑफ़ एक्सिलेंस शुरू किया गया है.

अदानी समूह के हाइफा पोर्ट डेवेलपमेंट प्रोजेक्ट पर भी नाओर जिलोन ने प्रतिक्रिया दी है.

उन्होंने कहा कि अदानी समूह को इसराइल का हाइफा पोर्ट सौंपा जाना भारत और इसराइल के गहरे संबंधों का प्रतीक है. नाओर जिलोन ने बताया कि इसराइल और भारत के बीच एक मुक्त व्यापार समझौता दोनों पक्षों के लिए प्राथमिकता में है. मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में जिलोन ने कहा है कि इस सौदे का अर्थ यही है कि इसराइल का भारत पर बहुत भरोसा है और इससे दोनों देशों के बीच का कारोबार तेज़ी से बढ़ेगा.

जिलोन के अनुसार हाइफा एक रणनीतिक बंदरगाह है इसलिए हमारा यह कदम काफी अहम है. उन्होंने कहा कि अदानी समूह में वो क्षमता है कि इस पोर्ट को वैसा बनाए जैसा कि इसे होना चाहिए.

उन्होंने कहा है कि हाइफा पोर्ट के सौदे के बाद इसराइल में निवेश और भारत के साथ कारोबार, तेजी से बढ़ने की उम्मीद है. नाओर जिलोन ने कहा कि बंदरगाहों का विकास, अदानी समूह का कोर बिज़नेस है. हाइफ़ा पोर्ट का काम अच्छे से चल रहा है. अदानी समूह इसराइल में और प्रोजेक्ट लेन की कोशिश कर रहा है और हम चाहते हैं कि वे सफल हों. उन्होंने बताया कि टाटा, बीएचईएल जैसी भारतीय कंपनियों के साथ हमारे लगभग 80 संयुक्त उपक्रम हैं.

इसराइली राजदूत ने कहा है कि अक्षय उर्जा, स्मार्ट परिवहन, खेती, स्वास्थ्य, पानी और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की काफी संभावनाएं हैं.

हाइफा पोर्ट का अधिग्रहण

अदानी समूह ने पिछले महीने इसराइल के इस सबसे अहम बंदरगाह को 1.2 अरब डॉलर यानी लगभग 10 हज़ार करोड़ रुपये में 31 सालों के लिए अधिग्रहण कर लिया.

इस सौदे में 70 फ़ीसदी की हिस्सेदारी अदानी पोर्ट के पास है और 30 फ़ीसदी की मालिक इसराइली केमिकल और लॉजिस्टिक कंपनी गडौत के पास है.

कंटेनरों की ढुलाई के मामले में हाइफ़ा पोर्ट इसराइल का दूसरा सबसे बड़ा पोर्ट है. हालांकि टूरिस्ट क्रूज शिप की आवाजाही के लिहाज से यह सबसे बड़ा पोर्ट है.

Compiled: up18 News


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