नमकीन की वजह से फेमस हो चुकी बीकाजी फूड्स इंटरनेशनल भी शेयर बाजार में लिस्टेड होने की तैयारी में है। दरअसल, बीकाजी ने प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के जरिए फंड जुटाने के लिए सेबी के पास ड्राफ्ट पेपर जमा किया है।
सेबी के पास दायर रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के अनुसार बीकाजी फूड्स की आईपीओ में लगभग 2.93 करोड़ शेयर बेचने की योजना है। यह बिक्री के लिए एक शुद्ध प्रस्ताव होगा। इसका मतलब है कि मौजूदा प्रमोटरों और शेयरधारकों के शेयर बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे।
DRHP के मुताबिक बीकाजी के संस्थापक शिव रतन अग्रवाल और दीपक अग्रवाल 25-25 लाख शेयर बेचेंगे। वहीं, इंडिया 2020 महाराजा (पीई फर्म लाइटहाउस) 1.21 करोड़ शेयर बेचेगी। इसके अलावा आईआईएफएल स्पेशल अपॉर्चुनिटीज फंड 1.1 करोड़ शेयर और एवेंडस फ्यूचर लीडर्स फंड 12 लाख शेयर बेचने की तैयारी में है।
ड्राफ्ट पेपर के अनुसार बीकाजी फूड्स इंटरनेशनल भारतीय स्नैक सेगमेंट में 8.7 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी को नियंत्रित करता है जबकि हल्दीराम 36.6 फीसदी शेयर के साथ मार्केट लीडर है।
आपको बता दें कि बीकाजी फूड्स इंटरनेशनल के संस्थापक शिव रतन अग्रवाल हल्दीराम के संस्थापक गंगाबिशन अग्रवाल के पोते हैं। शिव रतन अग्रवाल ने 1986 में कंपनी की स्थापना की। इसे मूल रूप से शिवदीप इंडस्ट्रीज लिमिटेड के रूप में शामिल किया गया था। 1993 में कंपनी का नाम बदलकर बीकाजी फूड्स कर दिया गया था।
भुजिया, रसगुल्ला की सबसे बड़ी निर्माता: ड्राफ्ट पेपर में बीकाजी फूड्स इंटरनेशनल ने दावा किया कि यह वित्तीय वर्ष 2020-21 में क्रमशः 26,690 टन, 24,000 टन, 23,040 टन और 12,000 टन के वार्षिक उत्पादन के साथ बीकानेरी भुजिया, पैकेज्ड रसगुल्ला, सोन पापड़ी और गुलाब जामुन का सबसे बड़ा निर्माता है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान बीकाजी फूड्स इंटरनेशनल 9,000 टन की वार्षिक उत्पादन क्षमता के साथ हस्तनिर्मित पापड़ का दूसरा सबसे बड़ा निर्माता था।
-एजेंसियां
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