बजट के बैग का दिलचस्प सफर: पहले ब्रीफकेस, फिर बहीखाता से टैबलेट तक

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यहां देखें कैसा रहा बजट के बैग का सफरनामा- 

आम बजट पेश करने के दौरान बजट बैग की भी काफी चर्चा होती है. फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण आज संसद में यूनियन बजट 2023 पेश कर रही हैं. इस बार भी उन्होंने बजट के लिए टैबलेट का इस्तेमाल किया है. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब वित्त मंत्री ने टैबलेट का इस्तेमाल किया है. इससे पहले भी बजट के लिए टैबलेट का इस्तेमाल किया गया था. वहीं, बजट बैग के तौर पर बहीखाता और ब्रीफकेस का भी चलन रहा है. आज हम देखेंगे कि बजट का स्वरूप किस तरह बदलता गया है.

भारत में बजट की शुरुआत 1860 में हुई थी. उस समय ब्रिटेन के चांसलर ऑफ दी एक्सचेकर चीफ ‘विलियम एवर्ट ग्लैडस्टन’ ने पहली बार बजट पेश किया था. बजट काफी बड़ा डॉक्यूमेंट होता है. इसलिए बजट के लिए बड़े ब्रीफकेस की जरूरत पड़ी. इस ब्रीफकेस को ‘ग्लैडस्टन बॉक्स’ कहा गया.

1947 से ब्रीफकेस

1947 में भारत की आजादी के बाद भी ब्रीफकेस का चलन कायम रहा. देश के पहले वित्त मंत्री शणमुखम शेट्टी ने लाल रंग के ब्रीफकेस के जरिए बजट पेश किया था. वहीं, 198-99 बजट के लिए फाइनेंस मिनिस्टर यशवंत सिन्हा ने काले रंग के चमड़े का ब्रीफकेस इस्तेमाल किया. इसके अलावा मनमोहन सिंह ने 1991 में सादे बैग के साथ बजट पेश किया था

2019 में दिखा बहीखाता

आम चुनाव 2019 के बाद मोदी की दूसरी सरकार का कार्यकाल शुरू हुआ. फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने उस साल के बजट को अलग ही अंदाज में पेश किया था. उन्होंने आम बजट बैग के लिए पहली बार बहीखाते का इस्तेमाल किया. इसने पूरी दुनिया को भारतीय परंपरा से रूबरू कराया. वहीं, चीफ इकोनॉमी एडवाइजर केवी सुब्रमण्यम ने भी बजट बहीखाते को भारतीय परंपरा से जोड़ा.

2021 से टैबलेट का राज

2021 बजट के दौरान कोरोना का जबरदस्त प्रकोप था. ऐसे में फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतरमण ने लीक से हटकर बजट पेश किया. खास बात यह थी कि इस बजट में पेपर का इस्तेमाल नहीं किया गया था और ये पूरी तरह पेपरलेस बजट था. इसके लिए उन्होंने टैबलेट का सहारा लिया था. तब से लेकर आज तक सीतारमण टैबलेट से ही बजट पेश करती हैं.

-एजेंसी