सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सत्र अदालत को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका को अन्य न्यायाधीश के पास स्थानांतरित करने की प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर 22 सितंबर को सुनवाई शुरू करने का निर्देश दिया।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि कोई भी आरोपी अपनी जमानत याचिका की शीघ्र सुनवाई का हकदार है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने राउज एवेन्यू अदालत के प्रमुख जिला एवं सत्र न्यायाधीश को सुनवाई के लिए याचिका पर विचार करने को कहा।
पीठ में न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी एस नरिसम्हा भी शामिल थे। उन्होंने कहा, ‘‘हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि याचिका स्थानांतरण के फैसले से असंतुष्ट कोई भी पक्ष कानून के मुताबिक उचित उपायों का अनुरोध कर सकता है। जमानत की सुनवाई का मंच जिला न्यायाधीश के फैसले पर निर्भर करेगा।’’
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनय कुमार गुप्ता ने 19 सितंबर को जमानत पर सुनवाई की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी और मामले में जैन और अन्य सह-आरोपियों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक आवेदन पर नोटिस जारी किया था जिसमें मामला दूसरे न्यायाधीश को स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया था।
ईडी ने भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनयम के तहत 2017 में आम आदमी पार्टी के नेता के खिलाफ दर्ज केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक प्राथमिकी के आधार पर जैन एवं अन्य दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जैन पर उनसे संबद्ध चार कंपनियों के जरिए धन शोधन करने का आरोप है।
-एजेंसी
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