यूपी की राजधानी लखनऊ में बंथरा थाने के अंतर्गत हरौनी चौकी इंचार्ज SI राहुल त्रिपाठी को एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। एंटी करप्शन टीम ने उसे 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते दबोचा। जानकारी के अनुसार, राहुल त्रिपाठी ने एक मुकदमे को मैनेज करने के लिए पैसे की डिमांड की थी। शनिवार को जब परिवादी पैसे देने आया, तो एंटी करप्शन की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। मौके से पैसे बरामद कर लिए गए हैं।
आरोप है कि वह एक होटल मालिक को फंसाने की धौंस देकर रुपए वसूल रहा था। एसीओ की टीम सब इंस्पेक्टर राहुल त्रिपाठी को घसीटते हुए ले गई, जिससे उसकी वर्दी पर लगा बैज टूटकर गिर गया। पीजीआई थाने ले जाकर पूछताछ के बाद मुकदमा दर्ज किया गया।
टीम ने मौके से रिश्वत की रकम के तौर पर दस हजार रुपये बरामद
चौकी प्रभारी को एसीओ की टीम द्वारा घूस लेते हुए पकड़े जाने के बाद यह अफवाह फैल गई कि चौकी प्रभारी का अपहरण हो गया। चौकी प्रभारी को घसीटते हुए ले जाए जाने के चलते यह अफवाह फैली, इसके बाद इलाके में लोगो की खूब भीड़ लग गई। पुलिस के उच्चाधिकारियों तक सूचना पहुंचने के बाद एसीओ की टीम द्वारा पकड़े जाने की बात सामने आई। टीम ने मौके से रिश्वत की रकम के तौर पर दस हजार रुपये बरामद होने का दावा किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लखनऊ के बंथरा थाने में गत 28 अगस्त को विशाल रावत पर किशोरी को बहला फुसलाकर ले जाने के सामने में एफआईआर दर्ज हुई थी। विवेचना के बाद मुकदमे में दुष्कर्म की धारा लगाई गई और दो आरोपी जेल भेजे गए। इस केस की विवेचना हरौनी चौकी प्रभारी राहुल त्रिपाठी कर रहे थे।
इस दौरान राहुल ने इलाके के एक होटल मालिक विनोद कुमार से कई बार पूछताछ की थी। वह विनोद को डरा रहे थे कि अगवा किए गए व्यक्ति को शरण देने के आरोप में उसे भी आरोपी बनाया जाएगा, क्योंकि आरोपी उसी होटल में रुके थे। फिर उसे बचाने के लिए बीस हजार रुपये घूस मांगने लगे। विनोद ने ही इसकी जानकारी एसीओ को दी।
घसीटकर ले गई टीम..
एसीबी की टीम को SI राहुल त्रिपाठी को पकड़कर ले जाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इसके कई वीडियो सामने आए हैं। जिसमें एसीबी की टीम चौकी इंचार्ज को घसीटकर लेकर जाती दिखाई दे रही है। वीडियो में देखा जा सकता है कि त्रिपाठी जाने से मना करने लगा, तो एसीबी के अधिकारी उसे पकड़कर ले जाने लगे। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
अपने बचाव में मांगी मदद…
जब दरोगा को गिरफ्तार किया गया तो उसने अपने बचाव के लिए मदद मांगी, इस दौरान आसपास भीड़ जमा हो गई। इंचार्ज बार-बार अपने बचाव में गुहार लगाता रहा, लेकिन एसीबी टीम उसे घसीटकर ले गई। हालांकि वह बार-बार अपने आप को बेगुनाह बताता रहा, लेकिन एसीबी ने उसकी एक नहीं सुनी। इसके बाद उसे पीजीआई थाने ले जाया गया। दरोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
Compiled: up18 News
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