एक अप्रैल से पैरासिटामोल के साथ-साथ कई एसेंशियल दवाओं के दाम बढ़ने जा रहे हैं. इन दवाओं की लिस्ट में एंटीबायोटिक एंटी-इंफेक्टिव, पेन किलर, दिल की बीमारी की दवा सबसे ऊपर है. दवा की कंपनी अब महंगे दामों में होल सेल में दवा बेचेंगी.
होल सेल इंडेक्स (Whole Sale Index) का जो सलाना दवाई खर्चा है, उसे भी बढ़ाया गया है. राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) का कहना है कि थोक मूल्य सूचकांक (WPI) में साल 2022 में 12.12 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. अब एक बार फिर से साल 2023 में यह इन दवाओं की कीमत बढ़ाई जाएगी, जो कि एक अप्रैल 2023 से लागू होगी.
जानें क्या होती है एसेंशियल दवाएं
जिन दवाईयों का यूज देश की अधिकतर जनता करती है, उसे एसेंशियल दवाओं का नाम दिया गया है. साल 2022 में एसेंशियल दवा की लिस्ट को अपडेट किया गया था. इसमें पैरासिटामोल के अलावा 384 दवाओं को शामिल किया गया है, साथ ही 24 दवाओं को इस लिस्ट से हटाया गया. वहीं गैस और एसिडिटी की कुछ दवाओं को इस लिस्ट से हटाया भी गया.
क्या है एसेंशियल दवाओं का आधार
आपको बता दें, कि दवाओं को तभी इस लिस्ट में शामिल किया जाता है, जब वह ज्यादा इफेक्टिव होने के साथ-साथ सेफ हों. साथ ही इसे खाते ही आराम मिल सके. इसके आधार पर इन्हें जरूरी दवाओं की नेशनल लिस्ट में शामिल किया गया है. इस दवाओं को जनता की डिमांड और प्रोडक्ट की सप्लाई के आधार पर भी लिस्ट में शामिल किया जाता है.
किन रोगों में काम आती हैं एसेंशियल दवाएं
इस लिस्ट में उन दवाओं को शामिल किया जाता है. जो अधिकतर लोगों के काम में आती हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इन दवाओं का दाम सरकार के कंट्रोल में होता है. इन दवाओं की कंपनी एक साल में सिर्फ 10 प्रतिशत ही दाम बढ़ा सकती हैं. इस लिस्ट में एंटी कैंसर की दवाएं भी शामिल है.
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