उद्योगपति गौतम अडानी गुरुवार को शरद पवार के मुंबई स्थित सिल्वर ओक आवास पहुंचे। यहां पर पवार और अडानी के बीच मुलाकात की जानकारी सामने आई है। यह मुलाकात ऐसे वक्त में हो रही है, जब पवार ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले में विपक्ष के रुख से अलग स्टैंड अख्तियार किया था। पवार ने इस मामले में जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) से जांच के औचित्य पर सवाल उठाया था। पवार ने सुप्रीम कोर्ट की कमिटी से जांच कराने की वकालत की थी। हालांकि बाद में उन्होंने कहा था कि अगर विपक्ष अड़ा हुआ है तो उन्हें कोई ऐतराज नहीं है।
अडानी विवाद में पवार ने क्या कहा था
एनसीपी चीफ शरद पवार ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में अडानी हिंडनबर्ग विवाद पर अपनी राय रखी थी। पवार ने इस दौरान कहा कि आजकल अडानी अंबानी पर हमला किया जा रहा है, जबकि बिजली क्षेत्र में अडानी का अहम योगदान है। अडानी के मुद्दे पर जब पवार से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अडानी-हिंडनबर्ग मामले में जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) जांच की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसका निष्कर्ष सत्ता पक्ष के हिसाब से रहेगा। पवार ने कहा कि उनका मानना है कि इस मामले में जांच सुप्रीम कोर्ट के पांच सदस्यों की कमेटी से कराई जाए। इस कमेटी में एक रिटायर्ड जज भी शामिल हो सकते हैं।
महाराष्ट्र में सियासी उठापटक का दौर
महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों तमाम उठापटक चल रही है। जुलाई में एकनाथ शिंदे के सत्ता संभालने के बाद नई सियासी संभावनाएं बन-बिगड़ रही हैं। एनसीपी चीफ शरद पवार के भतीजे अजित पवार को लेकर भी तमाम अटकलें लगाई जा रही थीं। ऐसा कहा जा रहा था कि वह बीजेपी के साथ जा सकते हैं लेकिन अजित पवार ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में अटकलों पर फिलहाल ब्रेक लगा दिया।
अजित पवार ने कहा कि वह एनसीपी छोड़कर कहीं नहीं जा रहे हैं और एक हलफनामे पर लिख सकते हैं कि एनसीपी में ही रहेंगे। अजित पवार ने कहा था कि उनके बारे में अफवाहें उड़ाई जा रही हैं। वहीं शरद पवार ने भी कहा कि अजित पवार चुनाव संबंधित काम में व्यस्त हैं और सिर्फ मीडिया में ऐसी खबरें चल रही हैं।
Compiled: up18 News