देश में गधों का इकलौता मेला मध्य प्रदेश के सतना जिले की धार्मिक नगर चित्रकूट में दीपावली के मौके पर हर साल लगता है। दीपावली के दूसरे दिन से चित्रकूट के मंदाकिनी नदी के तट पर तीन दिनों तक मेला आयोजित होता है। मेले में काफी दूर-दूर से लोग अपने खच्चर-गधे लेकर आते हैं। और खरीद बिक्री करते हैं। तीन दिन के मेले में लाखों का कारोबार किया जाता है।
गधों के मेले में लगाई जाती उनकी बोली
दरअसल, आप सबने मेले और बाजार तो बहुत देखे सुने होंगे और घूमे भी होंगे, पर शायद गधों के मेले में नहीं गए होंगे। यहां अलग-अलग प्रदेशों से व्यापारी गधे और खच्चर लेकर पहुंचते हैं, जहां उनकी बोली लगाई जाती है। यह ऐतिहासिक है, जो बरसों से यहां लगता चला आ रहा है। यहां की भीड़ देखकर चौंक जाएंगे आप कि गधों को खरीदने वालों की संख्या इतनी भी हो सकती है। दीपावली के दूसरे दिन से चित्रकूट के मंदाकिनी नदी के तट पर तीन दिनों तक मेला आयोजित होता है। मेले में काफी दूर-दूर से लोग अपने खच्चर-गधे लेकर आते हैं। और खरीद बिक्री करते हैं। तीन दिन के मेले में लाखों का कारोबार किया जाता है।
जानकारी के अनुसार मुगल काल से प्रारंभ हुआ, यह मेला अब सुविधाओं के अभाव में कम होता जा रहा है, लेकिन इस विरासत को संजो कर रखने वाले आज भी मेला बाजार का आयोजन करते आ रहे हैं।
इकलौता ऑफिशियल गधा मेला
मालूम हो कि यहां लगभग तीन करोड़ रुपए का गधों का कारोबार होता है। मेले में लगभग पांच हजार गधे लाए जाते हैं। भारत में लगने वाला यह इकलौता ऑफिशियल गधा मेला है, जिसके आयोजन के लिए शासनादेश जारी होता है।गधों की एंट्री फीस 300 रुपए होती है। ज्यादा वजन ढोने की क्षमता वाले गधे का नाम रणबीर और ऋतिक रखा गया है। वहीं, जिस गधे का नाम सलमान है, उसकी कीमत एक लाख 20 हजार रुपए है और जिसका नाम राजकुमार है उसकी कीमत 30 हजार रुपए है।
मेले की शुरुआत मुगल बादशाह औरंगजेब द्वारा कराई गई
लोगों का दावा है की मुगल शासक औरंगजेब की सेना में जब रसद और असलहा ढोने वालो की कमी हो गई थी, तब पूरे क्षेत्र से खच्चरों-गधों के मालिकों को इसी मैदान में एकत्रित कर उनके गधे खच्चर खरीदे गए थे। तभी से प्रारंभ हुआ मेला बाजार का यह सिलसिला लगातार चला आ रहा है। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि इस मेले की शुरुआत मुगल बादशाह औरंगजेब द्वारा करवाई गई थी। तब से लेकर अब तक मेला बाजार लगातार लगता चला आ रहा है। यह मेला बाजार दीपदान के बाद तीन दिन तक चलता है।
इस अनोखे मेले को देखने को दूर-दूर से आते हैं लोग
जानकारी हो कि देश के इस इकलौता अनोखे मेले को केवल देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। यहां गधे-खच्चर खरीददारों के अलावा इनको देखने वालों की भीड़ उमड़ती है। आज टेक्नोलॉजी के दौर में जहां लोग आधुनिकता की ओर बढ़ते चले जा रहे हैं, लेकिन चित्रकूट में आज भी वर्षों पुरानी परंपरा बखूबी चलती चली आ रही है। इस मेले में गधे और खच्चरों की कीमत हजारों लाखों रुपए तक बोली जाती है। व्यापारी अपने गधों के नाम फिल्म स्टारों के नाम पर रखते हैं। जैसे कोई सलमान तो कोई शाहरुख तो कोई कैटरीना।
Compiled: up18 News
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.