समुद्र में छिपे दुश्‍मन को भी ढूंढ कर उड़ा देगा भारतीय नौसेना का ‘वरुणास्त्र’

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वरुणास्त्र: क्‍यों खास है भारत का यह टॉरपीडो

मंगलवार को नेवी ने वरुणास्त्र के सबमरीन वेरिएंट का टेस्ट किया है। इसमें इलेक्ट्रिक प्रपल्शन सिस्टम लगा है।
यह टॉरपीडो अपने साथ 250 किलोग्राम का वारहेड ले जा सकता है।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस हेवीवेट टॉरपीडो का करीब 95 प्रतिशत हिस्सा स्वदेशी है।

वरुणास्त्र में कन्‍फर्मल एरे ट्रांसड्यूसर लगा है जो इसे बाकी टॉरपीडो से ज्यादा चौड़े एंगल में देखने लायक बनाता है।

वरुणास्त्र में एडवांस्‍ड ऑटोनॉमस गाइडेंस अल्गोरिद्म है। इसे जहाज और पनडुब्बी दोनों से लॉन्च किया जा सकता है।

वरुणास्त्र दुनिया का इकलौता टॉरपीडो है जिसमें GPS आधारित लोकेटिंग एड सिस्टम है।

नेवी के इन डिस्ट्रॉयर्स और फ्रिगेट्स में लगा है टॉरपीडो

भविष्य में बनने वाली भारतीय नौसेना के सभी एंटी-सबमरीन जंगी जहाजों में वरुणास्त्र को फायर करने की क्षमता होगी। अभी इस टॉरपीडो को विशाखापट्नम क्लास, दिल्‍ली क्‍लास, कोलकाता क्‍लास, राजपूत क्‍लास और कमोरता क्‍लास के डिस्ट्रॉयर्स में लगाया गया है। इसके अलावा नीलगिरि और तलवार क्‍लास की फ्रिगेट्स में भी यह टॉरपीडो लगा है।

Compiled: up18 News