भारतीय नौसेना का सर्विलांस जहाज INS संधायक शनिवार (3 फरवरी) को आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में कमीशन हुआ। इससे नेवी का समुद्री नेवीगेशन और भी बेहतर होगा। यह जहाज 11 हजार किमी की रेंज तक बंदरगाहों और समुद्री तटों की निगरानी कर सकता है।
सर्विलांस के अलावा इस जहाज में बोफोर्स गन और चेतक हेलिकॉप्टर की तैनाती भी की जा सकती है। इसे 5 दिसंबर 2021 को लॉन्च किया गया था और 4 दिसंबर 2023 को नेवी को सौंपा गया था।
INS संधायक की कमीशन सेरेमनी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नेवी चीफ एडमिरल आर हरि कुमार नौसेना डॉकयार्ड में मौजूद थे। राजनाथ सिंह ने कहा कि हिंद महासागर में हम सुरक्षा के मामले में पहले स्थान पर पहुंच गए हैं। यहां समुद्री लुटेरों का खतरा बना रहता है। हमें लुटेरे बर्दाश्त नहीं है। यह न्यू इंडिया का संकल्प है।
INS संधायक के बारे में
1. INS संधायक क्या है
INS संधायक पहली बार नौसेना में कमीशन नहीं किया जा रहा है। इसका पुराना वर्जन 1981 से 2021 तक इंडियन नेवी का हिस्सा रहा। जिसे 4 जून 2021 को रिटायर कर दिया गया। पुराने वर्जन के मुकाबले नया सर्वे शिप काफी एडवांस्ड है।
2. संधायक का रोल क्या है
संधायक शिप का मुख्य काम सर्वे और नेविगेशन को बेहतर बनाना है। समुद्र की गहराई में हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करके कई जानकारियां देगा। यह गहरे और उथले पानी में मल्टी-बीम इको-साउंडर्स प्रोड्यूस करेगा। साथ ही समंदर में आ रहे किसी भी जहाज को ट्रैक कर सकेगा। संधायक में सैटेलाइट बेस्ड पोजिशनिंग सिस्टम भी मौजूद है।
3. नेवी को क्या फायदा होगा
यह जहाज नौसेना के कई मिशन में अहम भूमिका निभाएगा। संधायक सर्विलांस को मजबूती देगा। बंदरगाहों, नेविगेशनल चैनल्स/रूट, तटीय क्षेत्रों और गहरे समुद्रों का पूर्ण पैमाने पर हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करना है।
4. रेंज और खासियत क्या है
नया संधायक दो डीजल इंजनों से चलता है। समंदर में इसकी स्पीड 30 किलोमीटर प्रतिघंटा है। वहीं रेंज 11 हजार किलोमीटर है। जहाज की लंबाई 288.1 फीट है, वजन 3400 टन है। यह 80 फीसदी स्वदेशी है। जहाज पर 18 अधिकारी और 160 नौसैनिक तैनात हो सकते हैं।
5. ऐसे कितने जहाज नेवी के पास
इस जहाज को मेसर्स गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), कोलकाता ने बनाया है। इंडियन नेवी के लिए GRSE के चार सर्वे वेजल यानी जहाज बनाए जा रहे हैं। INS संधायक इस सीरीज में पहला जहाज है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस जहाज को बनाने की प्रक्रिया 12 मार्च 2019 को शुरू हुई थी। इसे 5 दिसंबर 2021 को लॉन्च कर दिया गया था। पोर्ट्स और समुद्र में कई तरह के परीक्षणों के बाद INS संधायक को 4 दिसंबर 2023 को नेवी डे के मौके पर नौसेना को सौंप दिया गया था और 3 फरवरी को यह कमीशन हुआ।
2021 में किया था डिकमीशन
आज जो INS संधायक को नेवी में शामिल किया गया है, वह भारत का सबसे पुराना सर्वे शिप है। इंडियन नेवी ने 1981 से 2021 तक इसका इस्तेमाल किया। इस दौरान इस जहाज से 200 हाइड्रोग्राफिक सर्वे कराए गए। 2021 में इसे विशाखापट्टनम में ही डिकमीशन किया गया। एडवांस नेवीगेशन सिस्टम लगाने के बाद आज फिर से इसे नेवी में शामिल किया गया है।
राजनाथ बोले- हिंद महासागर में हमारी ताकत बढ़ी
राजनाथ सिंह ने कहा- भारतीय नौसेना इतनी मजबूत हो गई है कि हम हिंद महासागर और हिंद प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा के मामले में पहले स्थान पर पहुंच गए हैं। यदि हम वैश्विक व्यापार की बात करे, तो हिंद महासागर को वैसे भी हॉटस्पॉट के रूप में गिना जाता है।
राजनाथ सिंह ने कहा- हिंद महासागर में अदन की खाड़ी और गिनी की खाड़ी है। जिसके माध्यम से बड़ी मात्रा में अंतरराष्ट्रीय व्यापार होता है। इन पॉइंट्स पर कई खतरे भी बने हुए हैं, सबसे बड़ा खतरा समुद्री लुटेरों का है। हमने हाल ही में 80 लोगों को लुटेरों से रेस्क्यू किया है।
-एजेंसी
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