भारतीय सेना की नॉर्दन कमांड के कमांडिंग-इन-चीफ़ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा था, “जब भी भारत सरकार आदेश देगी, सेना ”पीओके” पर कार्रवाई करने के लिए तैयार है. भारतीय सेना सरकार के हर आदेश के लिए तैयार है. उन्होंने ये भी बताया कि करीब 160 आतंकी भारत में घुसपैठ करने के लिए पाकिस्तानी लॉन्चपैड पर मौजूद हैं. हम उनके इरादों को कामयाब नहीं होने देंगे.”
इस पर पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता डीजी इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन (आईएसपीआर) मेजर जनरल बाबर इफ़्तिख़ार ने कहा, ”आज़ाद जम्मू और कश्मीर के बारे में एक उच्च पदस्थ भारतीय सेना अधिकारी का अनुचित बयान भारतीय सैन्य बलों की भ्रमपूर्ण मानसिकता को दिखाता है. भारतीय सैन्य विचारों पर घरेलू राजनीति की छाप दिखती है.”
”तथाकथित लॉन्च-पैड और “आतंकवादियों को लेकर भ्रामक टिप्पणी और निराधार आरोप भारतीय सेना का एक प्रयास है ताकि आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए प्रयास कर रहे निर्दोष कश्मीरियों पर सेना के बल प्रयोग और मानवाधिकार उल्लंघन से ध्यान हटाया जा सके. जबकि आत्मनिर्णय का ये अधिकार अंतर्राष्ट्रीय क़ानून से समर्थित और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों में निहित है.”
डीजी आईएसपीआर ने ट्वीट किया, ”भारतीय सैन्य अधिकारी के घमंड से भरे दावे और असली महत्वाकांक्षा बौद्धिक रूप से अपमानजनक है. पाकिस्तानी सेना एक अच्छे मकसद के लिए बनी ताकत है और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की वकालत करती है.”
”हालांकि, शांति की इस इच्छा के साथ-साथ हमारे क्षेत्र के ख़िलाफ़ किसी भी दुस्साहस या आक्रामकता को विफल करने की हमारी क्षमता और तैयारी पूरी है. ये बात हाल ही में बालाकोट मामले सहित कई मौकों पर साबित भी हुई है.
”भारतीय सेना अपने राजनीतिक आकाओं का चुनावी समर्थन बढ़ाने के लिए गैर ज़िम्मेदाराना बयान देने से दूर रहे तो क्षेत्रीय शांति के हित में बेहतर होगा.”
Compiled: up18 News