भारत ने कहा, OIC को कश्मीर मुद्दे पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं

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ओआईसी प्रमुख हिसेन ब्राहिम ताहा पाकिस्तान के दौरे पर हैं और वहीं उन्होंने कहा है कि कश्मीरियों को आत्मनिर्णय का अधिकार मिलना चाहिए और इसका समाधान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत होना चाहिए.

भारत ने ओआईसी प्रमुख की इस टिप्पणी को ख़ारिज करते हुए कहा है कि उसके पास कश्मीर मुद्दे पर बात करने का कोई अधिकार नहीं है.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है, “हम ओआईसी के महासचिव का पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर के दौरे में दिए गए बयान की निंदा करते हैं.

ओआईसी के पास कश्मीर से जुड़े मुद्दे पर बात करने का कोई अधिकार नहीं है. जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. ओआईसी और उनके महासचिव की ओर से भारत के आंतरिक मामले में किसी भी तरह का दख़ल स्वीकार नहीं किया जाएगा.”

“इस मुद्दे पर पूर्ण रूप से सांप्रदायिक, पक्षपाती और तथ्यात्मक रूप से बिल्कुल ग़लत रवैया अपना कर पहले ही ओआईसी अपनी विश्वसनीयता खो चुका है. इसके महासचिव पाकिस्तान के मुखपत्र बन चुके हैं. उम्मीद है कि वह पाकिस्तान के अनैतिक एजेंडे से ख़ुद को दूर रखेंगे जिसके तहत पाकिस्तान सीमा-पार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है, ख़ास कर जम्मू-कश्मीर में.”

ओआईसी ने कश्मीर पर क्या बयान दिया

ओआईसी के महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा ने पाकिस्तान दौरे के दौरान रविवार को कहा था, मुझे लगता है कि सबसे ज़रूरी है कि स्टेकहोल्डर्स (भारत-पाकिस्तान) के बीच बातचीत का चैनल खोजा जाए और हम पाकिस्तान सरकार और अन्य सदस्य देशों के साथ एक योजना पर काम कर रहे हैं ”

“इसलिए ज़रूरी है कि हमें सदस्य देशों की सहमति मिले और हमें पता होना चाहिए कि कूटनीति की चर्चा सड़कों पर नहीं होती.”
एक प्रतिनिधिमंडल के साथ ताहा ने पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर का दौरा किया.

ताहा ने मीडिया को बताया कि उन्होंने विदेश मंत्रियों की परिषद (सीएफएम) के हाल के एक सत्र में लाए गए प्रस्ताव को लागू करने से पहले ये दौरा किया ताकि ज़मीन पर स्थिति समझी जा सके.

उन्होंने कहा, “हम यहां अपनी एकजुटता, सहानुभूति और ओआईसी के दृढ़ संकल्प को व्यक्त करने आए हैं.हम, हमारे सहयोगियों, अंतर्राष्ट्रीय समुदायों के साथ मिलकर भारत और पाकिस्तान के बीच इस लंबे संघर्ष (कश्मीर) का समाधान खोजना चाहते हैं.”

Compiled: up18 News