चीन की चाल का जवाब देने के लिए भारत ने की बड़ी तैयारी, LAC के पास बनाई ‘अदृश्य सड़क’

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महज 3 साल में पूरा होने वाला है निर्माण

जानकारी के अनुसार, नूब्रा घाटी में ससोमा से लेकर कराकोरम दर्रे के पास डीबीओ तक 130 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण अपने अंतिम और सबसे चुनौतीपूर्ण चरण में प्रवेश कर चुका है। सीमा सड़क संगठन (BRO) को इस चरण में ग्लेशियर वाले इलाके में एक खंड को पूरा करना होगा और श्योक नदी पर एक पुल बनाना होगा।

यह सड़क तीन साल पहले बनाना शुरू हुई थी, जब भारत और चीन के बीच सैन्य तनाव बढ़ रहा था। दोनों देश मई 2020 से तनातनी चल रही है। मौजूदा स्थिति में भारत और चीन के बीच संबंधों में अभी किसी प्रकार की नरमी के संकेत नहीं मिले हैं। सड़क निर्माण के अंतिम चरण में निर्माण संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिए नई तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।

कई अन्य सड़कों के जल्द पूरा होने की उम्मीद

मौजूदा 255 किलोमीटर लंबी डारबुक-श्याक-दौलत बेग ओल्डी (डीएस-डीबीओ) सड़क एलएसी के करीब है। ससोमा और डारबुक लेह से दो अलग-अलग सड़क मार्गों से पहुंचा जा सकता है। अधिकारियों ने बताया कि ससोमा-ससेर ला-ससेर ब्रंगसा-गपशान-डीबीओ सड़क के कई प्रमुख चरण को पूरा कर लिया गया है।

काफी अहम तकनीक का किया गया है इस्तेमाल

ससोमा और 17,600 फीट ऊंचे सेसर ला के बीच 52 किलोमीटर के खंड में से 46 किलोमीटर सड़क बनकर तैयार है और केवल 6 किलोमीटर का निर्माण बाकी है। लेकिन यह ग्लेशियर वाला भाग है और यहां निर्माण चुनौतीपूर्ण है। BRO इस सड़क को मजबूत बनाने के लिए कई अहम तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। यह हिस्सा नवंबर तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा।

चीन को घेरने की योजना तैयार

ससेर ला और ससेर ब्रंगसा के बीच संपर्क स्थापित हो गया है। इसके अलावा बाकी बचे 27 किलोमीटर सड़क के अक्टूबर 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है। 42 किलोमीटर के ससेर ब्रंगसा-गपशान इलाके में काम जोरों पर है। यहां 31 किलोमीटर सड़क बनाया गया जबकि 11 किलोमीटर का काम बचा है। एक साल के भीतर के इस सड़क के बनकर तैयार होने की उम्मीद है। गपशान और डीबीओ के बीच 10 किलोमीटर सड़क अगले साल तक तैयार हो जाएगा।

नई सड़क एक और धुरी बनाएगी क्योंकि यह ससेर ब्रंगसा से डीएस-डीबीओ सड़क पर मुर्गो तक जाएगी। 18 किलोमीटर की यह सड़क अगले साल के मध्य तक पूरी तरह से ऑपरेशनल हो जाएगी। यहां सड़क निर्माण चुनौतीपूर्ण है क्योंकि इसमें श्योक पर सात खंभों के साथ 345 मीटर लंबा पुल बनाना है। इसे सहारा देने के लिए माइक्रोपाइल्स का उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा BRO ने ससेर ला के नीचे 7 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने की योजना बनाई है ताकि सभी मौसम में संपर्क सुनिश्चित किया जा सके। इस पर 2025 में काम शुरू होने की संभावना है और सुरंग के 2028 तक पूरा होने की उम्मीद है।

पिछले कुछ समय से भारत सीमा पर बुनियादी ढांचे का निर्माण तेजी से कर रहा है। साथ ही नई दिल्ली सैन्य खर्च भी बढ़ा रहा है। भारत चीन के साथ आपसी संबंध बिगड़ने के बाद नई तकनीक और प्रौद्योगिकी को अपना रहा है। ताकि चीन की हर चाल का माकूल जवाब दिया जा सके।

Compiled: up18 News