भारत और चीन के बीच हिंद महासागर तनाव का बड़ा केंद्र बनता जा रहा है। भारत के लंबी दूरी के मिसाइल के परीक्षण के ठीक पहले चीन ने पिछले दिनों अपने जासूसी जहाज यूआन वांग 6 को हिंद महासागर में भेज दिया था। इसके बाद भारत ने अपने मिसाइल परीक्षण को टाल दिया था। वहीं अब ताजा खुलासा हुआ है कि चीन का एक और जासूसी जहाज अब हिंद महासागर में पहुंच गया है। इस जहाज का नाम यूआन वांग-5 है जो अभी इंडोनेशिया के लोमबोक स्ट्रेट से हिंद महासागर में दाखिल हुआ है। यही वही जासूसी जहाज है जिसने भारत के विरोध के बाद भी पिछले दिनों श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर डेरा डाला था। इस बीच भारत ने भी मिसाइल परीक्षण का ताजा ऐलान करके अपने सख्त इरादे जाहिर कर दिए हैं।
ओपन सोर्स इंटेलिजेंस अनैलिस्ट Detresfa ने बताया कि भारत ने एक और नोटिफिकेशन जारी किया है और बंगाल की खाड़ी में नो फ्लाई जोन को फिर से लागू करने का ऐलान किया है। भारत ने इस नोटिस को अपने आगामी मिसाइल परीक्षण को ध्यान में रखते हुए जारी किया है। नोटिस को देखकर माना जा रहा है कि इसकी मारक क्षमता 2000 किमी के आसपास होगी। भारत की इस मिसाइल को 23-24 नवंबर के बीच में ओडिसा से टेस्ट किया जाना है। भारत के इस ऐलान के बीच चीन ने पहले एक और अब दूसरा स्पेस और मिसाइल ट्रैकिंग जहाज हिंद महासागर में भेज दिया है।
भारत के अंडमान निकोबार द्वीप समूह के पास चीनी जहाज
चीन का पहला जासूसी जहाज यूआन वांग 6 अभी हिंद महासागर में मौजूद है और भारत के अंडमान निकोबार द्वीप समूह के पास समुद्र में डेरा डाले हुए है। वहीं दूसरा जहाज युआन वांग-5 इंडोनेशिया के लोमबोक स्ट्रेट के रास्ते हिंद महासागर में घुसा है। भारत इससे पहले 10 और 11 नवंबर को इस मिसाइल का परीक्षण करने वाला था लेकिन चीनी जासूसी जहाज के आने के बाद उसे टाल दिया था। भारत की ओर से जारी ताजा नोटिस के मुताबिक यह मिसाइल 2200 किमी तक मार करने में सक्षम है।
वहीं कुछ रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि यह मिसाइल भारत की सबमरीन से लॉन्च की जाने वाली के-4 मिसाइल है, वहीं अन्य खबरों में कहा गया है कि यह अग्नि सीरिज की मिसाइल है। भारत की पनडुब्बी से दागे जाने वाली मिसाइल के-4 की मारक क्षमता 3500 किमी है। चीन का दूसरा जासूसी जहाज यूआन वांग 5 अभी इंडोनेशिया के बाली के पास स्थित है। यह जहाज लोमबोक स्ट्रेट से घुसा है जो जावा और सुमात्रा के बीच स्थित है। यह उन तीन बड़े रास्तों में शामिल है जहां से चीन के जहाज प्रशांत महासागर से हिंद महासागर में घुसते हैं। दो अन्य रास्ते मलक्का स्ट्रेट और सुंडा स्ट्रेट हैं।
भारत के मिसाइल टेस्ट पर नजर रखना चाहता है चीन
कहा यह भी जा रहा है कि चीन अपना एक अंतरिक्ष मिशन भेज रहा है जो 15 से 20 नवंबर के बीच रवाना होगा। इसकी निगरानी के लिए चीन ने इन दोनों ही जासूसी जहाजों को भेजा है। चीन इसके जरिए एक तीर से दो शिकार कर रहा है और भारत के मिसाइल टेस्ट पर भी नजर रखना चाहता है। भारत की अग्नि या के-4 मिसाइलें चीन पर परमाणु हमला करने की क्षमता रखती हैं। भारत अगर के-4 मिसाइल का परीक्षण करता है तो इससे उसका परमाणु ट्रायड काफी प्रभावी हो जाएगा।
-एजेंसी
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