आतंकियों का था हैंडलर
हमलों के समय साजिद मीर आतंकियों को निर्देश दे रहा था कि ताज होटल में जितने भी विदेशी हैं, उन्हें मार दिया जाए। साजिद को भारत और अमेरिका दोनों ही उसे आतंकी घोषित कर चुके हैं लेकिन हमेशा उसे वैश्विक आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव में चीन अड़ंगा डाल देता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की तरफ से हर बार आए प्रस्ताव को चीन ने रोक दिया।
साजिद मीर का एक नाम साजिद माजिद मीर भी है। मीर की वजह से कसाब और उसके साथियों ने मुंबई को दहलाया था। मीर को ही इन आतंकियों का हैंडलर माना जाता है। भारत की तरफ से अक्टूबर 2022 में भी यूएनएससी में साजिद का यही ऑडियो सुनाया गया था लेकिन इसके बाद भी चीन को सबूत नाकाफी लगते हैं और वह उसे हर बार आतंकी मानने से इंकार कर देता है।
2016 में पाकिस्तान ने बताया मरा हुआ
पाकिस्तान के लाहौर में जन्मे साजिद के बारे में पाकिस्तान की सरकार ने साल 2016 में मरा हुआ घोषित कर दिया था। जून 2022 में जब पाकिस्तान ने उसे 15 साल की सजा का ऐलान किया तो हर कोई हैरान रह गया। सुरक्षा विशेषज्ञों ने इसे सिर्फ पाकिस्तान की तरफ से एक नाटक करार दिया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ ग्रे लिस्ट का ही कमाल है जो साजिद फिर से जिंदा हो गया है।
साजिद वह रहस्यमय आतंकी है जिसे सिर्फ कुछ ही लोगों ने देखा है। यहां तक कि अमेरिका इंसान है और कहते हैं कि इसे सिर्फ कुछ ही लोगों ने देखा है। यहां तक कि इसकी सिर्फ एक ही फोटो अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई के पास है। उन्होंने इस पूरे वाकये की तुलना पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के अल कायदा सरगना लादेन पर दिए गए बयान से कर डाली थी।
क्रिकेट मैच देखने आया था भारत
मुशर्रफ ने भी कहा था कि लादेन अब जिंदा नहीं है और अगर है तो वह पाकिस्तान में नहीं रहता। पांच लाख डॉलर वाले ईनामी आतंकी साजिद को एफबीआई ने 26/11 का प्रोजेक्ट मैनेजर बताया था। कहते हैं कि कि साल 2005 में एक फेक पासपोर्ट और झूठे नाम के साथ साजिद एक क्रिकेट मैच देखने के लिए भारत आया था। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा था कि साजिद मीर ने ही साल 2008 के हमलों की पूरी प्लानिंग की थी। उसकी वजह से ही हमले अंजाम तक पहुंचे। साल 2012 में अमेरिकी वित्त मंत्रालय की तरफ से मीर को आतंकी घोषित किया जा चुका है।
Compiled: up18 News
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