सोमवार को पीएम मोदी ने कर्नाटक को 28,000 करोड़ की सौगात देते हुए कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में 28,000 करोड़ रुपये से अधिक की रेल परियोजनाओं और बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजना का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस दौरान उनके साथ कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई भी मौजूद रहे। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बेंगलुरु में भारत के पहले वातानुकूलित रेलवे स्टेशन को जनता को समर्पित किया। साथ ही उन्होंने कोंकण रेलवे लाइन के 100 प्रतिशत विद्युतीकरण और 150 प्रौद्योगिकी हब को भी लॉन्च किया।
इस कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कर्नाटक में 5 नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स और 7 रेलवे प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास किया गया है। कोंकण रेलवे के शत-प्रतिशत बिजलीकरण के महत्वपूर्ण पड़ाव के हम साक्षी बने हैं। ये सभी प्रोजेक्ट कर्नाटक के युवाओं, मध्यम वर्ग, किसानों, श्रमिकों, उद्यमियों को नई सुविधा देंगे, नए अवसर देंगे।
पीएम मोदी के संबोधन की अहम बातें
बैंगलुरू, देश के लाखों युवाओं के लिए सपनों का शहर है। बैंगलुरू, एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना का प्रतिबिंब है। बैंगलुरु का विकास, लाखों सपनों का विकास है। इसलिए बीते 8 वर्षों में केंद्र सरकार का ये निरंतर प्रयास रहा है कि बैंगलुरू के सामर्थ्य को और बढ़ाया जाए।
बैंगलुरू को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए रेल, रोड, मेट्रो, अंडरपास, फ्लाईओवर, हर संभव माध्यमों पर डबल इंजन की सरकार काम कर रही है। बैंगलुरू के जो suburban इलाके हैं, उनको भी बेहतर कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।
भारतीय रेल अब तेज़ भी हो रही है, स्वच्छ भी हो रही है, आधुनिक भी हो रही है, सुरक्षित भी हो रही है और citizen friendly भी बन रही है। हमने देश के उन हिस्सों में भी रेल को पहुंचाया है, जहां इसके बारे में कभी सोचना भी मुश्किल था।
भारतीय रेल अब वो सुविधाएं, वो माहौल भी देने का प्रयास कर रही है जो कभी एयरपोर्ट्स और हवाई यात्रा में ही मिला करती थीं। भारत रत्न सर एम. विश्वेश्वरैया के नाम पर बैंगलुरू में बना आधुनिक रेलवे स्टेशन भी इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।
बैंगलुरू ने ये दिखाया है कि सरकार अगर सुविधाएं दे और नागरिक के जीवन में कम से कम दखल दे, तो भारतीय युवा क्या कुछ नहीं कर सकते हैं। बैंगलुरू, देश के युवाओं के सपनों का शहर है और इसके पीछे उद्यमशीलता है, इनोवेशन है, पब्लिक के साथ ही प्राइवेट सेक्टर की सही उपयोगिता है।
बीते दशकों में देश में कितनी बिलियन डॉलर कंपनियां बनी हैं, आप उंगलियों पर गिन सकते हैं। लेकिन पिछले 8 साल में 100 से अधिक बिलियन डॉलर कंपनियां खड़ी हुई हैं, जिसमें हर महीने नई कंपनियां जुड़ रही हैं।
मेरा साफ मानना है, उपक्रम चाहे सरकारी हो या फिर प्राइवेट, दोनों देश के asset हैं, इसलिए level playing field सबको बराबर मिलना चाहिए। यही सबका प्रयास है।
-एजेंसियां
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