आगरा: राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता सिंह चौहान ने मंगलवार को जिला पंचायतराज विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सख्त निर्देश दिए कि बैठकों में किसी भी महिला प्रधान की जगह उनके पति या अन्य निकट संबंधी को बैठने की अनुमति न दें।
सभी महिला ग्राम प्रधानों का जनपद स्तर पर सेमिनार या वर्कशॉप आयोजित कर उन्हें सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं की जानकारी दें तथा प्रशिक्षण दिलाएं।
बबीता सिंह चौहान ने नवीन सर्किट हाउस में महिला जन सुनवाई की तथा महिला उत्पीड़न तथा सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं का लाभ महिलाओं तक पहुंचाने हेतु संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
अधीनस्थ अधिकारियों की उपस्थिति पर आपत्ति
बैठक में विभिन्न विभागों यथा स्वास्थ्य, बेसिक शिक्षा, श्रम, समाज कल्याण, दिव्यांग सशक्तीकरण, पंचायत राज आदि विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों के स्थान पर अधीनस्थ अधिकारियों की उपस्थिति पर उन्होंने कड़ी आपत्ति व्यक्त की तथा अनुपस्थिति सभी अधिकारियों को नोटिस देने तथा आगामी समीक्षा बैठक में स्वयं उपस्थित रहने के कड़े निर्देश दिए।
अध्यक्ष ने विगत समीक्षा बैठक में दिए निर्देशों की अनुपालन आख्या तलब की। निर्देशों की शत प्रतिशत अनुपालन आख्या न देने पर तत्काल कार्यवाही रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।
जिला कार्यक्रम अधिकारी को कड़ी फटकार
बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा में बताया गया कि जनपद में 2982 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं मा. अध्यक्ष महोदया द्वारा विगत बैठक में जानकारी चाही गई थी कि आंगनवाड़ी केंद्रों पर कितने आंगनवाड़ियों के पद रिक्त हैं तथा केंद्रों की समग्र स्थिति रिपोर्ट प्रेषित किए जाने के निर्देश दिए गए थे ससमय रिपोर्ट प्रेषित न किए जाने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी को कड़ी फटकार लगाई तथा आज ही रिपोर्ट देने के कड़े निर्देश दिए।
सौ वार्ड और केवल दो पिंक टॉयलेट ?
उन्होंने माध्यमिक और बेसिक विद्यालयों में शौचालयों के रखरखाव पर जोर दिया। बैठक में नगर निगम की समीक्षा में बताया गया कि 02 पिंक टॉयलेट संचालित हैं। बबीता चौहान ने इस स्थिति पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की तथा कहा कि 100 वार्ड में 02 पिंक शौचालय नाकाफी हैं उन्होंने नगर स्वास्थ्य अधिकारी को सभी सार्वजनिक स्थानों तथा शहर के मुख्य बाजारों में पिंक टॉयलेट स्थापना करने, बंद पड़े शौचालयों को संचालित करने तथा संचालित शौचालयों में उच्च स्तरीय साफ सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।