यूपी में डायबिटीज मरीजों से तीन गुना ज़्यादा प्री डायबिटिक, आगरा में 500 विशेषज्ञ डॉक्टर कर रहे मंथन

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आगरा। उत्तर प्रदेश में डायबिटीज मरीजों से तीन गुना ज़्यादा प्री डायबिटिक हैं। पूरे देश में अगर कुल आबादी के 15 प्रतिशत मरीज हैं तो उनमें से सिर्फ़ 18 फीसदी अकेले यूपी से हैं। लोगों को अपनी लाइफ स्टाइल सुधारने की जरूरत है। मोटापा डायबिटीज का मुख्य कारण है। लोगों को नियमित व्यायाम करना चाहिए। दवाएं समय से लें।

यह कहना है प्रोफेसर डॉ. प्रभात अग्रवाल का। वह आगरा में आयोजित रिसर्च सोसायटी फॉर स्टडी ऑफ़ डायबिटीज इन इंडिया के यूपी एडिशन के वार्षिक अधिवेशन में बोल रहे थे। वह इसके आयोजन सचिव भी हैं। अधिवेशन में देश भर से जुटे स्पेशलिस्ट इस बात पर मंथन कर रहे हैं कि भारत को डायबिटीज कैपिटल बनने से कैसे रोका जाए।

प्रोफेसर प्रभात अग्रवाल ने बताया कि अधिवेशन में 500 डॉक्टर भाग ले रहे हैं। अधिवेशन के कोषाध्यक्ष डॉ. निखिल पुरसनानी ने बताया कि अधिवेशन में पोस्ट ग्रेजुएट, नर्सिंग स्टाफ एवं छात्र भी सम्मिलित हुए हैं। देश के विभिन्न हिस्सों से आए 55 विशेषज्ञों द्वारा डायबिटीज एवं उससे संबंधित होने वाली अन्य समस्याओं, डायबिटीज का इलाज तथा नई रिसर्च पर व्याख्यान दिए जाएंगे।

आयोजन सचिव प्रोफेसर आशीष गौतम ने बताया कि डायबिटीज की विकराल रूप एवं बढ़ती हुई समस्या को देखते हुए नई रिसर्च एवं उन पर मंथन की आवश्यकता है। अधिवेशन में पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों द्वारा अपने रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए जा रहे हैं। जिनका आंकलन डॉक्टर सूर्य कमल एवं डॉक्टर अजीत चाहर द्वारा किया जाएगा।

साइंटिफिक सचिव डॉ. सुनील बंसल ने बताया कि पिछले एक वर्ष में काफी मेहनत के पश्चात उच्च स्तरीय साइंटिफिक प्रोग्राम तैयार किया गया है, जिसे सुनने के लिए पूरे उत्तर प्रदेश के डॉक्टर्स दो दिन में आगरा में रहेंगे। इस अधिवेशन के आयोजन अध्यक्ष डॉ. अतुल कुलश्रेष्ठ और संरक्षक प्रोफेसर एके गुप्ता और प्रोफेसर डीके हाजरा है।

आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. अतुल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि आज 35 व्याख्यान दिए गए हैं। लगभग 66 रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए गए हैं। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. प्रशांत गुप्ता थे। भविष्य में टाइप वन डायबिटीज के मरीजों के लिए निर्बाध इंसुलिन प्रदान करने के लिए कॉलेज प्रशासन द्वारा संपूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया गया है।