वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण में मंगलवार को मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी हो गई। साथ ही हिंदू पक्ष की भी आधा घंटा बहस हुई। इस मामले में एक नया मोड़ भी आ गया है। प्रकरण में हिंदू पक्ष की ओर से वाराणसी निवासी चार महिला वादियों ने ट्रस्ट बनाया है। इस ट्रस्ट पर कोर्ट में जारी मामले को देखने की जिम्मेदारी होगी। इससे पहले सोमवार को हिंदू पक्ष ने ट्रस्ट बनाए जाने का ऐलान किया। ट्रस्ट का नाम श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास रखा गया है। ट्रस्ट कोर्ट के मामलों को देखेगा। मुकदमे में होने वाला खर्च भी वहन करेगा।
अदालत में हिंदू पक्ष के पैरोकार सोहन लाल आर्य ने बताया कि ट्रस्ट से जुड़े लोगों की मलदहिया स्थित विवेकानंद कॉलोनी में बैठक हुई। बैठक में ही ट्रस्ट के बारे में एलान किया गया और आगे की रणनीति तय की गई।
इस बैठक में पांच अतिथि, 11 ट्रस्टी, 21 सम्मानित ट्रस्टी, शृंगार गौरी मामले की चार वादी महिलाएं शामिल रहीं। ट्रस्ट का नियमत: रजिस्ट्रेशन कराया गया है। ट्रस्ट के लिए विष्णु शंकर जैन ने 51 हजार रुपये और एक अन्य ने 21 हजार रुपये का चेक देकर शुरुआत की है।
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष की ओर से शृंगार गौरी के पूजन के लिए अभियान शुरू किया गया है। मस्जिद परिसर के वजूखाने में मिले शिवलिंग के पूजन-अर्चन और मुस्लिम पक्ष से मुक्त कराने के लिए लगातार पैरवी की जा रही है। इस पर खर्च के साथ ही मामले के प्रबंधन के लिए ही ट्रस्ट बनाया गया है।
ट्रस्ट मामले की समय-समय पर समीक्षा कर आगे की रणनीति भी तय करेगा। बैठक में वादी महिलाओं लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक के अलावा हरिशंकर जैन के पुत्र विष्णु शंकर जैन, लालबाबू जायसवाल, रंजना अग्निहोत्री, कुलदीप तिवारी आदि मौजूद रहे।
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