प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इंटरपोल की 90वीं महासभा को संबोधित करते हुए आतंकवाद और भ्रष्टाचार जैसे संगठित अपराध का जिक्र करते हुए दो टूक बात कही। उन्होंने कहा कि ये खतरे पहले से ज्यादा तेजी से बढ़ रहे हैं। जब संकट ग्लोबल हो तो प्रतिक्रिया सिर्फ लोकल नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि इन खतरों से निपटने के लिए दुनिया के एकजुट होने का समय आ गया है। आज के समय में आतंकवाद सिर्फ भौतिक रूप में मौजूद नहीं है, बल्कि वह अब साइबर खतरों और ऑनलाइन कट्टरता के माध्यम से दायरा बढ़ा रहा है
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय पुलिस संगठन इंटरपोल ने खालिस्तानी आतंकवादी गुरुपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ रेड नोटिस जारी करने की भारत की मांग ठुकरा दी थी। संगठन ने कहा था कि पन्नू के आतंकी गतविधियों में संलिप्त होने के पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं। आज पीएम ने अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी को खरी-खरी सुनाई।
पीएम ने कहा कि भ्रष्टाचार और वित्तीय अपराध ने कई देशों के नागरिकों के हितों को नुकसान पहुंचाया है। भ्रष्टाचारी अपराध से जुटाए धन को दुनिया के दूसरे हिस्सों में जमा करते हैं। यह पैसा उस देश के नागरिकों का है जहां से उन्होंने लिया है। आगे यह धनराशि खतरनाक गतिविधियों में इस्तेमाल की जाती है। यह टेरर फंडिंग का एक बड़ा स्रोत है। पीएम का यह कहना महत्वपूर्ण है क्योंकि एक दिन पहले ही इंटरपोल के महासचिव जुर्गन स्टॉक ने कहा था कि राज्य प्रायोजित आतंकवाद जैसी किसी भी गतिविधि को रोकने में अंतर्राष्ट्रीय पुलिस संगठन कोई भूमिका नहीं निभाता है और इसका ध्यान साइबर अपराधियों, मादक पदार्थ के सौदागरों और बाल शोषण करने वालों पर अंकुश लगाने पर रहता है।
पीएम ने साफ कहा कि भ्रष्ट, आतंकी, ड्रग्स गैंग, शिकारियों के गैंग या संगठित अपराध के लिए कोई सुरक्षित जगह नहीं होनी चाहिए। एक जगह पर लोगों के खिलाफ ऐसे अपराध हर किसी के खिलाफ अपराध होते हैं, ये मानवता के खिलाफ अपराध होते हैं। पीएम ने साफ कहा कि एक सुरक्षित दुनिया हमारी साझा जिम्मेदारी है। जब सभी सहयोग करेंगे तो अपराध जगत की ताकतें ठहर नहीं सकती हैं। ऐसे वक्त में जब राष्ट्र, समाज सिर्फ अपना हित देखने वाले बनते जा रहे हैं, भारत और ज्यादा व्यापक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की बात कर रहा है।
उन्होंने बेहतर दुनिया के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर जोर दिया। भारतीय पुलिसकर्मियों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि दुनियाभर में पुलिस फोर्सेज न सिर्फ लोगों की सुरक्षा कर रही हैं बल्कि सामाजिक कल्याण में भी योगदान कर रही हैं। इस महासभा में 195 देशों के प्रतिनिधि शिरकत कर रहे हैं। इनमें सदस्य देशों के मंत्री, पुलिस प्रमुख, केंद्रीय ब्यूरो के प्रमुख और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हैं। महासभा की बैठक दिल्ली में 18 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक चलेगी।
-एजेंसी