पीएम मोदी ने रविवार को मन की बात में देश की प्राचीन मूर्तियों का जिक्र किया। पीएम ने देश से चोरी की हुई मूर्तियों की बात करते हुए कहा कि कुछ वर्ष पहले तमिलनाडु के वेल्लूर से भगवान आंजनेय्यर, हनुमान जी की प्रतिमा चोरी हो गई थी। हनुमान जी की ये मूर्ति भी 600-700 साल पुरानी थी| इस महीने की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया में हमें ये प्राप्त हुई, हमारे मिशन को मिल चुकी है।
चोरी की मूर्तियों को वापस लाना हमारा दायित्व
इन मूर्तियों को वापस लाना, भारत मां के प्रति हमारा दायित्व है। इन मूर्तियों में भारत की आत्मा का, आस्था का अंश है। इनका एक सांस्कृतिक-ऐतिहासिक महत्व भी है। इस दायित्व को समझते हुए भारत ने अपने प्रयास बढ़ाए। और इसका कारण ये भी हुआ कि चोरी करने की जो प्रवृति थी, उसमें भी एक भय पैदा हुआ।
इस महीने की शुरुआत में भारत, इटली से अपनी एक बहुमूल्य धरोहर को लाने में सफल हुआ। ये धरोहर है अवलोकितेश्वर पद्मपाणि की हजार साल से भी ज्यादा पुरानी प्रतिमा। यह मूर्ति कुछ वर्ष पहले बिहार में गया जी के देवी स्थान कुंडलपुर मंदिर से चोरी हो गई थी। 20 साल पहले तस्करी करके भारत से बाहर ले जाया गया था। वाणिज्य दूतावास के मुताबिक, यह मूर्ति करीब 1,200 वर्षों तक देवीस्थान कुंडलपुर मंदिर में सुरक्षित थी। वर्ष 2000 के आसपास इसे चोरी कर लिया गया था। पत्थर की यह मूर्ति आठवीं से 12वीं सदी के बीच की है। इसमें खड़े हुए अवलोकितेश्वर को अपने बाएं हाथ में एक खिलते हुए कमल के तने को पकड़े हुए दिखाया गया है। बौद्ध धर्म में अवलोकितेश्वर बोधिसत्व हैं।
100 साल पहले चोरी हुई थी मां अन्नपूर्णा की मूर्ति
18वीं शताब्दी वाली मां अन्नपूर्णा की मूर्ति 100 साल पहले चोरी हो गई थी। यह मूर्ति 1913 के करीब वाराणसी के एक मंदिर से चुरा ली गई थी और कनाडा की रेजिना यूनिवर्सिटी के मैकेंजी आर्ट गैलरी संग्रह का हिस्सा बन गई थी। इस मूर्ति को भारत सरकार पिछले साल नवंबर में भारत लाई। दिल्ली से एक विशेष यात्रा के साथ मां अन्नपूर्णा की मूर्ति उत्तर प्रदेश के वाराणसी तक लाई गई।
लंदन से लाई गई योगिनी की मूर्ति
यूपी के बांदा जिले के लोखारी गांव से चोरी गई प्राचीन योगिनी की मूर्ति लंदन से वापस भारत लाई गई। इस मूर्ति को भी पीएम नरेंद्र मोदी सरकार की कोशिशों से वापस लाया गया। मूर्ति करीब 8वीं सदी में बनी है। इसे लोखारी गांव के मंदिर से 1980 के दशक में चुराया गया था। मूर्ति लंदन में एक व्यक्ति के बाग में रखी हुई थी। इस मूर्ति की तलाश विजय कुमार और क्रिस मैरिनेलो नाम के व्यक्तियों ने की थी। दोनों ने इसकी जानकारी भारत को दी थी। जिसके बाद केंद्र सरकार ने ब्रिटिश सरकार से मूर्ति को वापस करने के लिए बातचीत की और अब ये मूर्ति वापस लाई गई।
अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देश कर रहे मदद
अमेरिका, ब्रिटेन, हॉलैंड, फ्रांस, कनाडा, जर्मनी, सिंगापुर, ऐसे कितने ही देशों ने भारत की इस भावना को समझा है और मूर्तियां वापस लाने में हमारी मदद की है। पीएम ने कहा कि साल 2013 तक करीब-करीब 13 प्रतिमाएं भारत आयी थीं लेकिन पिछले सात साल में 200 से ज्यादा बहुमूल्य प्रतिमाओं को भारत सफलता के साथ वापस ला चुका है। पिछले साल सितम्बर में जब अमेरिका गया था, तो वहां मुझे काफी पुरानी-पुरानी कई सारी प्रतिमाएँ और सांस्कृतिक महत्व की अनेक चीजें प्राप्त हुईं।
भारत की मूर्तिकला का नायाब उदाहरण
ये भारत की मूर्तिकला का नायाब उदाहरण तो थीं हीं, इनसे हमारी आस्था भी जुड़ी हुई थी। पीएम ने कहा कि हजारों वर्षों के हमारे इतिहास में, देश के कोने-कोने में एक-से-बढ़कर एक मूर्तियां हमेशा बनती रहीं, इसमें श्रद्धा भी थी, सामर्थ्य भी था, कौशल्य भी था और विवधताओं से भरा हुआ था और हमारे हर मूर्तियों के इतिहास में तत्कालीन समय का प्रभाव भी नज़र आता है।
सबको मोह लेता है भारतीय संगीत का जादू
पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय संगीत का जादू ही कुछ ऐसा है, जो सबको मोह लेता है! पीएम मोदी ने कहा कि आज जब भारत अपनी आज़ादी के 75वां वर्ष का महत्वपूर्ण पर्व मना रहा है, तो देशभक्ति के गीतों को लेकर भी ऐसे प्रयोग किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जहां विदेशी नागरिकों को, वहां के प्रसिद्ध गायकों को, भारतीय देशभक्ति के गीत गाने के लिये आमंत्रित करें।
लोकप्रिय गीत पर बनाइए वीडियो
पीएम ने कहा कि इतना ही नहीं हम आजादी के अमृत महोत्सव को एक नए तरीके से मना सकते हैं। पीएम ने कहा, ‘मैं देश के नौजवानों से आह्वान करता हूं, आइए भारतीय भाषाओं के जो लोकप्रिय गीत हैं उनको अपने तरीके से वीडियो बनाइए, बहुत पॉपुलर हो जाएंगे आप और देश की विविधताओं का नई पीढ़ी को परिचय होगा’
क्या हम अपने देश में ऐसा नहीं कर सकते..
पीएम मोदी ने कहा कि अगर तंजानिया में किली और नीमा भारत के गीतों पर लिंप सिंक कर सकते हैं तो क्या मेरे देश में, हमारे देश की कई भाषाओं में, कई प्रकार के गीत हैं, क्या हम कोई गुजराती बच्चे तमिल गीत पर करें, कोई केरल के बच्चे असमिया गीत पर करें, कोई कन्नड़ बच्चे जम्मू-कश्मीर के गीतों पर करें। एक ऐसा माहौल बना सकते हैं हम, जिसमें एक भारत श्रेष्ठ भारत हम अनुभव कर सकते हैं।
मिशन का जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि मुंबई के सोमैया कॉलेज के छात्रों ने स्वछता के अपने अभियान में सुन्दरता को भी शामिल कर लिया है। इन्होंने कल्याण रेलवे स्टेशन की दीवारों को सुन्दर पेंटिंग्स से सजाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी प्रकार विशाखापट्नम में ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत पॉलीथीन के बजाए कपड़े के थैलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। यहां के लोग पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक प्रोडक्ट के खिलाफ अभियान भी चला रहे हैं।
-एजेंसी