कानपुर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के गांव परौंख पहुंचे पीएम मोदी ने विपक्ष को निशाने पर लिया और परिवारवाद पर एक बार फिर हमला किया। पीएम मोदी ने यह भी बताया कि क्यों बार-बार परिवारवाद का विरोध करता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि परिवारवाद पर कोई बात करता हूं तो लोग इसे राजनीतिक बयान बताते हैं। मोदी ने कहा कि जो लोग परिवारवाद के उदाहरण हैं, वो मुझसे भड़के हुए हैं।
देश भर के परिवारवादी लोग मेरे खिलाफ एकजुट हो गए हैं। मेरी किसी राजनीतिक दल या किसी व्यक्ति से कोई व्यक्तिगत नाराजगी नहीं है। मेरी किसी राजनीतिक दल से या किसी व्यक्ति से कोई व्यक्तिगत नाराजगी नहीं है। मैं तो चाहता हूं कि देश में एक मजबूत विपक्ष हो, लोकतंत्र को समर्पित राजनीतिक पार्टियां हों।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं चाहता हूं कि परिवारवाद में फंसी पार्टियां इस बीमारी से खुद को मुक्त करें, तभी देश का लोकतंत्र मजबूत होगा। परिवारवाद से मुक्ति से ही युवाओं को राजनीति में आने का मौका मिलेगा। हमारी जिम्मेदारी है कि परिवारवादियों को पनपने न दें। गांव के बेटे-बेटी भी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री बनें, इसके लिए जरूरी है कि परिवारवादी पार्टियां खत्म हों।
राष्ट्रपति के गांव की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारे गाँवों के पास सबसे ज्यादा सामर्थ्य है, सबसे ज्यादा श्रम शक्ति है और सबसे ज्यादा समर्पण भी है इसलिए भारत के गांवों का सशक्तिकरण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।
मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी भारत की आज़ादी को भारत के गाँव से जोड़कर देखते थे। भारत का गाँव यानी जहां आध्यात्म भी हो, आदर्श भी हो। भारत का गाँव यानी जहां परम्पराएँ भी हों और प्रगतिशीलता भी हो। भारत का गाँव यानी जहां संस्कार भी हो, सहकार भी हो। जहां ममता भी हो और समता भी हो।
-एजेंसियां