IPL के बिजनेस मॉडल में खिलाड़ी नहीं पैसा महत्वपूर्ण, जानिए पूरा बिजनेस मॉडल

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कुछ दिन पहले लखनऊ सुपर जायंट्स के मालिक संजीव गोयनका और टीम के कप्तान केएल राहुल के बीच की रार सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई। खराब बर्ताव के लिए लोगों ने संजीव गोयनका की जमकर आलोचना भी हुई। अब इसी कड़ी में पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने तंज कसते हुए कहा है कि जब संजीव 400 करोड़ का मुनाफा कमा रहे हैं तो फिर उन्हें परेशान होने की क्या जरूरत है।

आइए समझते हैं कि आईपीएल का बिजनेस मॉडल क्या है, जहां खिलाड़ियों से ज्यादा पैसों को तवज्जो दी जाती है। आखिर कितने पैसे कमा रहे है स्पॉन्सर्स। इसे समझने से पहले वीरेंद्र सहवाग और मोहम्मद शमी के बयानों को जानना जरूरी है।

सहवाग बोले, ये सब बिजनेसमैन, समझते हैं मुनाफे की भाषा

एक क्रिकेट वेबसाइट Cricbuzz से बातचीत में सहवाग ने कहा, ये सब बिजनेसमैन हैं और उन्हें केवल मुनाफे और घाटे की भाषा समझ आती है। हालांकि, यहां जब घाटा नहीं है, तो उन्हें किस बात की परेशानी है? वो 400 करोड़ का मुनाफा कमा रहे हैं और ये ऐसा बिजनेस है, जहां उन्हें कुछ भी करने की जरूरत नहीं है। खिलाड़ी और कोच टीम को चलाते हैं, इसलिए मालिकों के लिए बेहतर होगा कि वो टीम के प्रदर्शन या खिलाड़ियों पर सवाल ना उठाएं।

मोहम्मद शमी ने कहा था कि खिलाड़ियों का भी सम्मान है

मोहम्मद शमी ने ‘क्रिकबज लाइव’ पर कहा, करोड़ों लोग आपको देख रहे हैं और आपसे सीख रहे हैं। अगर कैमरे के सामने ये चीजें होती हैं तो यह शर्मनाक है। आपका बात करने का एक दायरा होना चाहिए। इससे बहुत गलत मैसेज जाता है। खिलाड़ियों का सम्मान है और आप भी बतौर मालिक सम्मानित व्यक्ति हैं। ये मैदान पर करना जरूरी नहीं था।

आईपीएल का बिजनेस मॉडल क्या है

IPL का बिजनेस मॉडल क्रिकेट, एंटरटेनमेंट और मार्केटिंग रणनीति पर आधारित होता है। इस लीग में फ्रेंचाइज सिस्टम होता है, जहां भारत के अलग- अलग हिस्सों से 10 टीमें एक-दूसरे के खिलाफ खेलती हैं। हर फ्रेंचाइजी का निजी मालिक होता है और यह रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल पर संचालित होता है। इन मैचों की ब्रॉडकास्टिंग राइट्स, स्पॉन्सरशिप डील, मर्केंडाइज सेल्स, खिलाड़ियों की नीलामी और प्लेयर एंडोर्समेंट्स समेत अलग-अलग सोर्स से खूब पैसे बरसते हैं। सोलंकी के अनुसार, बेइंतिहा पैसे बरसने की वजह से कई बार ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां खिलाड़ियों के सम्मान से ज्यादा पैसे अहम हो जाते हैं। ऐसा करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है।

16 साल में 15 हजार करोड़ के पार हो चुकी है IPL इंडस्ट्री

इंडिया स्पोर्ट्स स्पॉन्सरशिप रिपोर्ट की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2008 में IPL की शुरुआत के बाद से अब तक इस इंडस्ट्री में 8 गुना उछाल आया है। 2008 में यह इंडस्ट्री 2,423 करोड़ रुपए की थी, जो 2023 में बढ़कर 15,766 करोड़ रुपए की हो चुकी है। पहली बार यह इंडस्ट्री 15,000 करोड़ के पार पहुंच चुकी है।

आईपीएल टीम मालिक पैसे कैसे बनाता है, स्पॉन्सरशिप डील से बरसते पैसे

जितेंद्र सोलंकी के अनुसार, आईपीएल फ्रेंचाइजीज में स्पॉन्सरशिप डील से खूब पैसे आते हैं। अपैरल कंपनियों, पेय कंपनियों और मोबाइल फोन ब्रांडों समेत अलग-अलग कंपनियों के साथ टीमें एग्रीमेंट करती है। इससे सभी फ्रेंचाइजीज को इतना पैसा मिलता है कि उससे उनके सभी खर्चे निकल आते हैं।

राजस्व शेयरिंग से होती है बंपर कमाई

आईपीएल में रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल से सभी फ्रेंचाइजी को लीग की वित्तीय कामयाबी से फायदा पहुंचता है। लीग को सबसे ज्यादा कमाई ब्रॉडकास्टिंग राइट्स से होती है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ब्रॉडकास्टिंग राइट्स को कई ब्रॉडकास्टर्स कंपनियों को बेचता है और जो कमाई होती है, उसे BCCI और सभी फ्रेंचाइजी बांट लेती हैं।

मर्केंडाइज सेल्स से भी पैसा ही पैसा

आईपीएल टीमों के मालिकों को मर्केंडाइज सेल्स से भी बंपर कमाई होती है। ये फ्रेंचाइजीज टीम की जर्सी, हैट्स, बैंड वगैरह जैसी कई तरह की एसेसरीज की नीलामी से भी कमाई करती हैं। आईपीएल की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से आप लगा सकते हैं कि खिलाड़ियों के कपड़े, जूते से लेकर उनकी इस्तेमाल की गई हर चीज लोग ऊंची कीमत देकर खरीद लेते हैं।

खिलाड़ियों की नीलामी से भी कमाई खूब

हर बार आईपीएल टीम बनाने के लिए खिलाड़ियों की नीलामी होती है। इससे भी फ्रेंचाइजीज को कमाई होती है। टीम के मालिक अपने पसंदीदा खिलाड़ियों की उनकी परफॉर्मेंस और पॉपुलैरिटी के आधार पर बोली लगाते हैं, ताकि उनकी नई टीम में वो शामिल किए जा सकें। टीम मालिक कई बार अपने उन खिलाड़ियों की बोली लगाकर पैसे कमा लेते हैं, जिन्हें कभी उन्होंने ऊंचे दामों पर खरीदा था।

खिलाड़ियों के प्रचार से भी कमाई

देश में कई खिलाड़ी ऐसे हैं, जिनकी पॉपुलैरिटी काफी ज्यादा है। उन्हें कंपनियां अपना ब्रांड एंबेसडर बनाना चाहती हैं। इसके लिए वो उन्हें मुंहमांगी कीमत देने को तैयार रहती हैं। आईपीएल के किसी खिलाड़ी का किसी कंपनी के विज्ञापन से करार होता है तो इसका कुछ हिस्सा कमीशन के रूप में टीम मालिक भी लेता है।

टीम का नाम बेचकर भी होता है बड़ा मुनाफा

आईपीएल फ्रेंचाइजी का मालिक अपनी टीम के नाम का राइट्स किसी स्पॉन्सर को बेचकर भी बड़ा मुनाफा कमा सकता है। यह कई आईपीएल टीमों के लिए कमाई का बड़ा जरिया होता है। इस कमाई से टीम मालिक अपने खिलाड़ियों की सैलरी और रहने-खाने के इंतजाम का खर्चा निकाल लेते हैं। जैसे किंग्स इलेवन पंजाब का नाम बदलकर अब पंजाब किंग्स कर दिया गया है। इससे टीम मालिक ने पैसे कमाए थे।

कोहली, धोनी, रोहित और राहुल के पीछे पागल हैं विज्ञापन कंपनियां

विराट कोहली, एमएस धोनी, रोहित शर्मा, शुभमन गिल, हार्दिक पंड्या, जसप्रीत बुमराह और केएल राहुल ऐसे लोकप्रिय क्रिकेट हस्तियां बन चुकी हैं, जिनके पीछे हर तरह की कंपनियां पागल हो चुकी हैं। इन सभी के पास 30 से ज्यादा ब्रांडों के विज्ञापन करार हैं। इन इंडोर्समेंट डील से क्रिकेटर 27 फीसदी ज्यादा दौलतमंद हुए हैं।

-एजेंसी


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