उन्होंने कहा, “बीजेपी और आरएसएस के पास भविष्य को देखने की क्षमता नहीं है. उनसे आप कुछ भी पूछो, वे पीछे की तरफ़ देखते हैं. उनसे पूछो, ट्रेन का एक्सिडेंट क्यों हुआ, तो वे कहेंगे कि कांग्रेस ने 50 साल पहले ये किया.”
“किताबों से आपने पीरियोडिक टेबल, इवोल्यूशन क्यों निकाल दिया, तो कहेंगे भइया कांग्रेस ने 60 साल पहले ये किया. उनका तुरंत जवाब पीछे देखने का होता है.”
राहुल ने कहा- “आप यहाँ सब कार से आए हैं, सोचिए अगर आप सिर्फ़ अपनी कार के ‘रियर व्यू’ शीशे में देखते रहें तो? अगर आप 24 घंटा कार में पीछे देखने वाले शीशे में देखते रहेंगे तो क्या आप कार चला पाएंगे? ऐसा करने पर एक के बाद एक एक्सिडेंट का आप शिकार होंगे.”
“ये नरेंद्र मोदी जी का फॉर्मूला है. वे भारत की कार को चलाने की कोशिश कर रहे हैं और वे सिर्फ कार में लगे उस पीछे देखने वाले शीशे में देख रहे हैं. वे यह नहीं समझ रहे हैं कि यह कार क्यों क्रैश कर रही है और आगे क्यों नहीं बढ़ रही है.”
“यह सब बीजेपी और आरएसएस के साथ हो रहा है. आप उनके मंत्रियों को, प्रधानमंत्री को सुनिए, आप कभी नहीं पाएंगे कि वे भविष्य की बात कर रहे हैं, वे सिर्फ भूतकाल की बात करते हुए मिलेंगे.”
राहुल गांधी ने कहा कि मुझे याद है कि कांग्रेस के समय में ट्रेन एक्सिडेंट हुई थी लेकिन हमने कभी नहीं कहा कि इसके लिए ब्रिटिश लोग ज़िम्मेदार हैं.
उन्होंने कहा, “मुझे याद है कि कांग्रेस के मंत्री ने कहा था कि मेरी ज़िम्मेदारी है और मैं इस्तीफा देता हूं.”
गांधी बनाम गोडसे
अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कि भारत में दो विचारधाराओं की लड़ाई है और इस लड़ाई में एक तरफ महात्मा गांधी खड़े हैं और दूसरी तरफ नाथूराम गोडसे.
राहुल ने महात्मा गांधी को सबसे प्रभावशाली एनआरआई बताया. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने अहिंसा और सत्य की खोज में अपनी जीवन जिया, वहीं दूसरी तरफ नाथूराम गोडसे ने हिंसा और ग़ुस्से से भरी जिंदगी गुजारी.
Compiled: up18 News