Agra News: कर्तव्य-बोध समारोह एवं शैक्षिक संगोष्ठी में जिला विद्यालय निरीक्षक-दो (बालिका) विश्व प्रताप सिंह ने कहा- भ्रष्टाचार के लिए शिक्षक भी दोषी

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आगरा। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश की जिला इकाई द्वारा श्री केदारनाथ सैक्सरिया आर्य कन्या इण्टर कॉलेज, बेलनगंज पर आयोजित ‘‘कर्तव्य-बोध समारोह एवं शैक्षिक संगोष्ठी’’ में जिला विद्यालय निरीक्षक-दो (बालिका) विश्व प्रताप सिंह ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में शिक्षकों के समक्ष कर्तव्य-बोध, मूल्यपरक शिक्षा एवं भ्रष्टाचार आदि मुख्य चुनौतियां हैं।

मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए श्री सिंह ने कहा कि आज शिक्षक अपने कर्तव्य पथ से भटकता हुआ दिखाई दे रहा है, क्योंकि वह अपनी मांगों और अधिकारों की लड़ाई तो लड़ रहा है, परन्तु अपने कर्तव्य के प्रति सजग नहीं है। शिक्षा क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार के लिए भी कहीं न कहीं शिक्षक भी दोषी है। मूल्यपरक शिक्षा के अभाव में शिक्षक के समक्ष अनेक चुनौतियां उत्पन्न हुई हैं। शिक्षकों की बदौलत ही भारत विश्व गुरू था और भविष्य में भी शिक्षक ही भारत को पुनः विश्व गुरू के गौरवशाली पद पर प्रतिष्ठित कर सकेगा। इसलिए शिक्षकों को अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए।

विशिष्ट अतिथि एवं महासंघ प्रदेश कार्यसमिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. देवी सिंह नरवार ने कहा कि मनुष्य को जन्म से मृत्यु पर्यंत संघर्षरत रहते हुए अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। शिक्षा क्षेत्र की अनेक विकृतियों के कारण ही शिक्षकों के समक्ष अनेक चुनौतियां हैं। मुस्कराते हुए चुनौतियों को स्वीकार करने से आत्म-विश्वास और संघर्ष करने की क्षमता बढ़ती है।

डॊ. नरवार ने कहा कि हाल ही में उ.प्र. शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन से शिक्षकों की सेवा-शर्तों और सेवा सुरक्षा से छेड़छाड़ की गई है। इससे शिक्षकों में भारी असंतोष और आक्रोश व्याप्त है। शिक्षकों को चुनौतीपूर्ण सेवा-शर्तों को पुनः बहाली के लिए संघर्ष करना ही पड़ेगा।

समारोह की अध्यक्ष एवं कॉलेज की प्रधानाचार्या श्रीमती नमिता शर्मा ने अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि शिक्षक का समाज में बड़ा आदर है। उसे अपने कर्तव्य के प्रति सजग रहकर पठन-पाठन में रुचि रखनी चाहिए।

समारोह में कॉलेज के प्रबंधक ललित मोहन दुबे, महासंघ की कार्यकारी जिलाध्यक्ष डॉ. रचना शर्मा, जिला समन्वयक डॉ. के.पी. सिंह, कॉलेज की वरिष्ठ प्रवक्ता श्रीमती उज्ज्वल जैन, श्रीमती कृति सिंह, श्रीमती पूनम लवानिया, श्रीमती अल्पना अग्रवाल ने भी विचार रखे। प्रारंभ में कॊलेज की छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।