आतंकवाद विरोधी समिति की UNSC विशेष बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद को लेकर चीन, पाकिस्तान के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र को भी खरी-खरी सुनाई। जयशंकर ने यूएन को घेरते हुए कहा कि जब आतंक पर लगाम कसने की बात आती है तो राजनीतिक कारणों से वह कार्रवाई करने में असमर्थ रहा है। जयशंकर ने अपने बयान में यूएन के साथ-साथ चीन पर हाफिज सईद के बेटे को वैश्विक आतंकी घोषित करने की राह पर अडंगा लगाने को लेकर निशाना साधा है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों आतंक पर लगाम कसने को लेकर चीन बेनकाब हुआ था। चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में पाकिस्तान में छिपे लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकियों को बचा लिया था। चीन ने लश्कर आतंकी हाफिज तल्हा सईद को प्रतिबंधित करने की राह पर रोड़ा लगाया था। पड़ोसी देश ने वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए भारत और अमेरिका की तरफ से यूएनएससी में लाए गए प्रस्ताव को वीटो कर रोक दिया था।
यूएन को खरी-खोटी सुनाते हुए जयशंकर ने कहा, ‘जब कुछ आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने की बात आती है तो कुछ मामलों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद राजनीतिक कारणों से, खेदजनक रूप से कार्रवाई करने में असमर्थ रही है। यह हमारी सामूहिक विश्वसनीयता और हितों को कमजोर करता है।’
जयशंकर ने कहा, ‘आतंकवाद अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए तथा मानवता के लिए एक गंभीर खतरा है। हमने आज पीड़ितों की आवाज सुनी है। उनका नुकसान अतुलनीय है। हम उस आघात को याद रखें और आतंकवाद के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के अपने प्रयासों में लगे रहें।’
विदेश मंत्री जयशंकर ने बैठक में शामिल देशों के राजदूतों को संबोधित करते हुए कहा, ‘यहां आपकी उपस्थिति आतंकवाद के सामान्य खतरे का मुकाबला करने की दिशा में आपकी और आपके देश की प्रतिबद्धता को दिखाती है।’
जयशंकर ने कहा, ‘अगले महीने हम 2008 में हुए मुंबई हमलों की 14वीं बरसी मनाएंगे। उनमें से एक आतंकी जिंदा पकड़ा गया, उस पर मुकदमा चला और सर्वोच्च अदालत ने उसे दोषी ठहराया, फिर भी 26/11 हमलों के मास्टरमाइंड और साजिशकर्ता को पनाह दी जा रही है।’
आतंकवाद से लड़ाई पर भारत की हौसलाअफजाई करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘आतंकवाद ने दुनिया के कई क्षेत्रों को त्रस्त कर दिया है। भारत दूसरों की तुलना में इसको अधिक समझता है। दशकों से सीमा पार आतंकवाद से लड़ने की हमारी प्रतिबद्धता कमजोर नहीं हुई है और न ही होगी।’
जयशंकर ने कहा, ‘आतंकवाद का मुकाबला करने का एक प्रमुख पहलू आतंकवाद के फाइनेंसिंग को प्रभावी ढंग से रोकना है। आज आतंकवाद विरोधी समिति स्थानीय और क्षेत्रीय संदर्भ में आतंकवाद के फाइनेंसिंग का मुकाबला करने पर विशेषज्ञों से भी चर्चा करेगी।’
यूएनएससी की बैठक के लिए मुंबई के ताज महल होटल पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 26/11 आतंकी हमलों के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि 26/11 आतंकी हमलों को भूला नहीं जा सकता है। उन्होंने आतंकवाद पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि गुनहगारों को सजा दिलाने का काम अभी अधूरा है।
बैठक से पहले सुरक्षा परिषद के सभी देशों के राजदूत ने 26/11 आतंकी हमले में मारे गए शहीदों की स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने गए। विदेश मंत्री ने भी ताज होटल में शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित किया।
26/11 स्मारक पर विदेश मंत्री ने कहा, ‘हमने 26/11 हमले के मास्टरमाइंड और अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया है। इस स्थल पर UNSC की आतंकवाद-रोधी समिति का एक साथ आना विशेष और महत्वपूर्ण है।’
Compiled: up18 News
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