पाकिस्तान में एक बार फिर हालात बेकाबू हैं। आजादी के सात दशक बाद भी मुल्क में सुधार होने की कोई गुंजाइश नहीं बची है। आर्थिक संकट के बीच ही पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी ने स्थिति को अनियंत्रित कर दिया है। यूं तो इस मुल्क में कई बार विरोध प्रदर्शन हैं। इन प्रदर्शनों में से कई ऐसे थे जिनका नेतृत्व पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के मुखिया इमरान ने किया था। मगर देश की स्थिति से वाकिफ जानकारों की मानें तो इस समय जो स्थिति है वह पिछली सभी स्थितियों से बहुत अलग है। इस बार सेना को भी निशाना बनाया जा रहा है। पाकिस्तान सेना के मुखिया जनरल आसिम मुनीर को भी समझ नहीं आ रहा है आखिर इन हालातों में क्या किया जाए।
गिरफ्तारी से बदले हालात
देश की सरकार की खिलाफ अभी तक महंगाई और दूसरे मसलों को लेकर विरोध प्रदर्शन होते आए हैं। अप्रैल 2022 में जब से इमरान ने सत्ता गंवाई तब से ही पाकिस्तान में सरकार और सेना के खिलाफ प्रदर्शन होते आए हैं। पिछले साल विश्वासमत के चलते सत्ता गंवाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान के तेवर अपने उत्तराधिकारी शहबाज के खिलाफ लगातार आक्रामक बने हुए थे। लेकिन मंगलवार को हुई घटना के बाद हालात नई दिशा की तरफ मुड़ गए। इस्लामाबाद में रैली के दौरान यह आरोप लगे कि उनकी गिरफ्तारी के पीछे सेना और आईएसआई की साजिश है।
करनी पड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस
इमरान अक्सर यह कहते आए हैं कि ये दोनों संगठन देश में लोकतंत्र को बर्बाद करने में लगे हैं। इस तरह के आरोप पहले कभी भी सार्वजनिक तौर पर नहीं लगाए गए थे। लेकिन पिछले एक साल में इमरान की लोकप्रियता में 10 गुना इजाफा हुआ है। इसी वजह से उनके समर्थकों के गुस्से को सेना और सरकार के खिलाफ बदलते देर नहीं लगी।
इमरान के समर्थक भी सेना और सरकार के खिलाफ बोलने लगे। यह बहुत ही असाधारण स्थिति थी। इतिहास में पहली बार देखा गया है जब आईएसआई और सेना प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खुद को बेकसूर बताने के लिए मजबूर हुए।
रावलपिंडी तक उबाल
इमरान की गिरफ्तारी से उनके समर्थक भड़के हुए हैं और गुस्सा सेना पर निकल रहा है। गिरफ्तारी की खबर आते ही लाहौर से लेकर रावलपिंडी तक समर्थकों ने कैंट और एयरबेस पर हमला कर अपना गुस्सा निकाला। रावलपिंडी में तो समर्थक सेना के मुख्यालय तक पहुंच गए और कुछ बिल्डिंग्स में तोड़फोड़ की। लाहौर में इमरान समर्थक जबरन एक कोर कमांडर के घर के अंदर पहुंच गए और जमकर उत्पात मचाया। क्वेटा और फैसलाबाद में भी यही स्थिति देखी गई। यहां पर लोगों ने सेना के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
Compiled: up18 News