नॉर्मल फ्लू में एंटीबायोटिक के इस्तेमाल को लेकर IMA की चेतावनी, नई गाइडलाइन जारी

Health

IMA का कहना है कि बड़ी संख्या में लोग इससे संक्रमित हो रहे हैं। लेकिन ज्यादातर मामले 3 दिनों भी ठीक हो जाते हैं। कई लोग इस दौरान जमकर एंटीबायोटिक खाते हैं; जिसके सेहत पर बुरा असर होता है। जिसे देखते हुए IMA ने डॉक्टर्स को एंटीबायोटिक की जगह लक्षण के आधार पर इलाज करने की सलाह दी है।

आईसीएमआर ने भी अपने दिशानिर्देश दिए और कहा है कि त्वचा और कोमल ऊतकों के संक्रमण के लिए पांच दिन, समुदाय के संपर्क में आने से हुए निमोनिया के मामले में पांच दिन और अस्पताल में हुए निमोनिया के लिए आठ दिन के लिए एंटीबायोटिक दी जानी चाहिए।

दिशा-निर्देशों में कहा गया है, ‘नैदानिक जांच हमें रोग के लक्षणों का कारण बनने वाले रोगजनकों के बारे में पता करने में मदद करती है। इससे संक्रमण का निदान करने के लिए बुखार, प्रोकैल्सीटोनिन स्तर, डब्ल्यूबीसी गणना, कल्चर या रेडियोलॉजी पर आंख मूंदकर भरोसा करने के बजाय एंटीबायोटिक की सही मात्रा तैयार करने में मदद मिलेगी।’

गंभीर रूप से बीमार रोगियों के लिए अनुभवसिद्ध एंटीबायोटिक चिकित्सा को सीमित करने की सलाह दी है। इस अनुसंधान निकाय द्वारा एक जनवरी और 31 दिसंबर, 2021 के बीच किए गए सर्वेक्षण में कहा गया था कि भारत में बड़ी संख्या में अब रोगियों के लिए ‘कार्बापेनम’ एंटीबायोटिक उपयोगी साबित नहीं हो रही और उन पर अब इसका कोई असर नहीं हो रहा।

-एजेंसी


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