भारत के मुख्य न्यायाधीश CJI डीवाई चंद्रचूड़ IIT मद्रास के 60वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। उन्होंने इंस्टीट्यूट के बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि वह अब इस बात से सहमत है कि प्रौद्योगिकी की बराबरी नहीं कर कानून सकता।
उन्होंने कहा, यह अक्सर कहा जाता है कि प्रौद्योगिकी इतनी तेजी से विकसित होती है कि कानून इसकी बराबरी नहीं कर सकता। यह कुछ समय से सच होने लगा है, लेकिन हम अगर एक कदम पीछे मुड़कर देखें तो हमारा इतिहास इस बात का प्रमाण है कि कानून और प्रौद्योगिकी द्वंद्वात्मक संबंध साझा करते हैं। ये दोनों एक-दूसरे को आगे की तरफ धकेल रहे हैं।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की सराहना करते हुए न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ने हमारे संचार और काम करने के तरीके को ही बदल दिया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौरान सुप्रीम कोर्ट में वर्चुअल हीयरिंग की शुरुआत हुई। इस दौरान पूरे भारत में लगभग 43 मिलियन सुनवाईयां हुईं।
महिला वकीलों की परेशानियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, वर्चुअल सुनवाई में महिला वकीलों की काफी मदद हुई। कई बार घरेलू कामकाज या अन्य किसी कारणों से महिला वकीलों को शारीरिक रूप से अदालत में पेश होने में परेशानी होती है, लेकिन वर्चुअल सुनवाई ने हमें इस बात का एहसास कराया कि इससे हमारी महिला वकीलों को काफी मदद मिली है।
सोशल मीडिया की सराहना करते हुए सीजेआई ने कहा कि सोशल मीडिया ने हमें उम्र और राष्ट्रीयता की बाधाओं को दूर करते हुए लोगों से जुड़ने में मदद की है। हालांकि, इस नए संचार उपकरण ने ऑनलाइन दुर्व्यवहार और ट्रोलिंग जैसे नए व्यवहार को भी बढ़ावा दिया है। प्रौद्योगिकी को उपयोगकर्ताओं के मन में डर पैदा नहीं करना चाहिए।
टेली लॉ संचालन का उदाहरण देते हुए सीजेआई ने कहा कि इससे महिलाओं और बच्चों को कानूनी सेवाएं प्रदान करने में लाभ हुआ। एक कदम आगे बढ़ते हुए शीर्ष अदालत ने अब लाइव कार्यवाही के ट्रांसक्रिप्शन के लिए एआई सिस्टम लॉन्च किया है।
इस दीक्षांत समारोह में कुल 2,571 छात्रों ने स्नातक की उपाधि प्राप्त की। आईआईटी मद्रास डेटा साइंस और एआई में चार साल के एमएस और दो साल के बीएस पाठ्यक्रमों के लिए तंजानिया के जांजीबार में अंतर्राष्ट्रीय परिसर स्थापित करने वाला पहला संस्थान बन गया है।
Compiled: up18 News