नीतीश यदि बता दें कि सेमीकंडक्टर होता क्या है, तो हम उनका जूता सिर पर रखने को तैयार: प्रशांत किशोर

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प्रशांत किशोर ने कहा कि मुझसे जब पूछा गया कि सेमीकंडक्टर जैसी फैक्ट्री बिहार जैसे राज्यों में क्यों नहीं लगती है तो मैंने पत्रकारों को कहा कि बिहार सरकार की पूरी कैबिनेट को बुला लीजिए, जिसमें नीतीश कुमार को भी बुला लीजिए जो इंजीनियर भी हैं. नीतीश कुमार अगर बता दें कि सेमीकंडक्टर होता क्या है तो हम उनका जूता अपने सिर पर लेकर चलने को तैयार हैं, उनकी पूरी कैबिनेट में बैठे मंत्री तक को नहीं पता होगा.

प्रशांत किशोर कहते हैं कि जब बिहार में मंत्रियों को पता ही नहीं होगा कि सेमीकंडक्टर होता क्या है तो इसके फैक्ट्री के बारे में ये सोच भी कैसे सकते हैं? आज बिहार में जो मुख्यमंत्री है, उनको तो मालूम ही नहीं है ये सेमीकंडक्टर क्या चीज है. नीतीश कुमार से ये सवाल जरूर होना चाहिए कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस से बिलियन डॉलर का नया इकनॉमिक बन रहा है और लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है, इस पर आपका क्या कहना है तो नीतीश कुमार कहेंगे… छोड़िए, जाने दीजिए… ये सब से कुछ होता है. उनके हिसाब से नहीं होता होगा सिर्फ 400 रुपए वृद्धा पेंशन देने से होगा.

10 साल पहले साइकिल बांटी उससे बिहार की तरक्की होगी? इस आदमी ने पूरे बिहार को अनपढ़ और मजदूर बना दिया. नीतीश कुमार जैसे लोग चाहते हैं कि बिहार अनपढ़ बना रहे तभी जाकर इनको और इनके 9वीं पास तेजस्वी यादव जैसे आदमी को अपना नेता मानेगा. नीतीश कुमार जैसे लोग 1960 में ही जी रहे हैं, पूरे बिहार को अनपढ़ और मजदूर बना दिया. दुनिया बातकर रही है आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की दुनिया बात कर रही है कैसे आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का उपयोग कर लाखों लोगों को नौकरी मिल सकती है. हजारों बिलियन डॉलर का अर्थव्यवस्था खड़ी की जा सकती है. बिहार जैसे राज्य के मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि मोबाइल का प्रयोग करने से दुनिया खत्म होने वाली है. ऐसी चीजों से दिखता है कि बिहार की दुर्दशा क्यों है.

प्रशांत किशोर के नीतीश कुमार पर हमला बोलने पर जदयू प्रवक्ता अंजुम आरा ने निशाना साधा है। अंजुम आरा कहती हैं कि जब प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ काम करते थे, तब नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री के मटेरियल कहते नहीं थकते थे. तब नीतीश कुमार के बारे में समझ में नहीं आया था. नीतीश कुमार के किए गए कार्य को ना सिर्फ़ बिहार बल्कि देश और दुनिया में पहचान मिली है और उनके किए गए कार्यों को केंद्र सहित कई राज्यों ने भी अपनाया है इसलिए नीतीश कुमार को प्रशांत किशोर का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए, प्रचार पाने के लिए कुछ भी बोलते रहना है.

Compiled: up18 News