राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत उत्तर भारत के पहले ‘स्वर संगम घोष’ शिविर में शिरकत के लिए शनिवार को कानपुर पहुंचे। अपने तीन दिवसीय दौरे पर कानपुर पहुंचे भागवत ने आज नाना राव पार्क में स्थापित वाल्मीकि की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा उन्होंने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर सहित कई अन्य महापुरुषों की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण किया। इस दौरान भागवत ने वाल्मीकि समाज के लोगों को संबोधित किया।
आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा कि वाल्मीकि समाज हमारे देश की शान है। उन्होंने कहा कि वाल्मीकि ना होते तो दुनिया राम से परिचित ना होती।
भागवत ने कहा कि हमें अपने समाज को हर हाल में उन्नत बनाना है। कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि से संवेदना, समर्पण और कर्तव्य की भावना समाज के लोगों को सीखनी चाहिए। बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने संविधान में समाज को अधिकार देने के लिए कानून स्थापित किया है, लेकिन सिर्फ कानून स्थापित करने से ही सब कुछ नहीं होगा। हमारे मन में देश और अपने आप को आगे ले जाने का संकल्प होना आवश्यक है।
शनिवार शाम कानपुर पहुंचे भागवत
आजद नगर स्थित दीनदयाल उपाध्याय सनातन धर्म विद्यालय और वीएसएसडी कालेज में छह से 10 अक्टूबर तक आयोजित संघ के उत्तर भारत के पहले स्वर संगम घोष शिविर में शामिल होने के लिए संघ प्रमुख नई दिल्ली से रात 9:48 हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस से सेंट्रल स्टेशन पहुंचे। वह दीनदयाल उपाध्याय सनातन धर्म विद्यालय में विश्राम करेंगे।
-एजेंसी