आगरा: न्यू आगरा थाना क्षेत्र के न्यू लॉयर्स कॉलोनी में कर्ज के चलते एक युवक ने पहले अपने बेटे और मां को जहर देकर हत्या की और फिर खुद ने भी सुसाइड कर लिया। इस घटना से घर में कोहराम मचा हुआ है। पुलिस ने कार्यवाही कर तीनों के शव पोस्टमार्टम गृह भेज दिए। परिजन भी पोस्टमार्टम गृह पहुंच गए थे लेकिन कफन में लिपटे हुए शवों का पोस्टमार्टम ही नहीं हुआ था। पोस्टमार्टम ग्रह का एक कर्मचारी आया और कहा कि ₹2000 दीजिए तभी पोस्टमार्टम होगा। यह सुनकर मृतकों के परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई।
एक साथ एक घर में तीन मौत से परिजन पहले से ही सदमे में थे। उन्होंने घटना बातकर निवेदन किया तो कर्मचारियों ने ₹500 का डिस्काउंट दे दिया और कहा ₹1500 दीजिए तभी पोस्टमार्टम होगा। इस संबंध में सीएमओ आगरा को शिकायत भी की गई है।
न्यू लॉयर्स कॉलोनी में रहने वाले अधिवक्ता रमाशंकर ने बताया कि कॉलोनी निवासी तरुण चौहान ने सुसाइड किया था। सुसाइड करने से पहले अपने बेटे और मां को भी जहर दे दिया था। तीनों के शवों को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। परिजन भी उनके शव को लेने के लिए पहुंचे थे। यहां पर मृतक के ताऊ के बेटे विक्की चौहान से स्टाफ के कर्मचारियों ने कहा ₹2000 दीजिए तभी पोस्टमार्टम होगा। विरोध किया तो उन्होंने पैसे क्यों लिए जाते हैं यह गिना दिया।
कर्मचारियों ने कहा कि ₹500 तो शराब और सफाई के लिए चाहिए और ₹500 प्रति शव के हिसाब से देना होगा तभी पोस्टमार्टम होगा। इसका विरोध करने पर पोस्टमार्टम गृह के स्टाफ कर्मचारियों ने अभद्रता करना शुरू कर दिया। शव का पोस्टमार्टम भी नहीं किया। शाम हो गई तब स्टाफ को ₹1500 दिए गए उसके बाद ही तीनों शव का पोस्टमार्टम हुआ और शव सुपुर्द किये।
अधिवक्ता रमाशंकर ने कहा कि इस संबंध में पोस्टमार्टम गृह के कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए। यह तो संवेदनहीनता है। थोड़ी सी तो मानवता दिखानी चाहिए। एक परिवार में तीन लोगों की मौत और उनके शव के पोस्टमार्टम के नाम पर ₹2000 की वसूली कहां तक जायज है।
इस पूरे मामले को लेकर सीएमओ आगरा का कहना है कि मामला गंभीर है। इस पूरे मामले में जांच कमेटी का गठन किया जाएगा और आरोपी को निलंबित किया जाएगा।
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