मस्जिद में ‘जय श्री राम’ का नारा लगाना अपराध कैसे? सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार से मांगा जवाब

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद के अंदर ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने से धार्मिक भावनाएं आहत होने के आरोप में दर्ज मुकदमा रद्द करने के खिलाफ हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने के मामले में कर्नाटक सरकार से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कनार्टक सरकार को इस केस में नोटिस जारी करने से मना कर दिया है।

यह मामला दक्षिण कन्नड़ जिले का है। यहां पर दो लोगों ने मस्जिद में घुसकर जय श्रीराम के नारे लगाए थे। इसके बाद ये मामला हाई कोर्ट में पहुंच गया था। कोर्ट ने इस मामले को तब रद्द कर दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि यह अपराध कैसे हो सकता है? कोर्ट के इस सवाल पर याचिकाकर्ता के वकील ने जवाब देते हुए कहा कि अगर एक समुदाय के धार्मिक स्थल पर, दूसरे समुदाय के नारे लगाने की अनुमति दी जाती है तो इससे सांप्रदायिक विवाद हो सकता है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हैदर अली नामक व्यक्ति की याचिका पर कर्नाटक सरकार से जवाब मांगा है।

कर्नाटक सरकार से हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका पर जवाब मांगा गया है। हाई कोर्ट ने इस मामले में मस्जिद के अंदर नारा लगाने वाले उपद्रवियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को इस आधार पर रद्द कर दिया गया था कि इससे धार्मिक भावनाएं आहत नहीं हुईं।

अपने फैसले में HC ने कहा था, ‘ये समझ से परे हैं कि अगर कोई जय श्रीराम कहता है तो इससे किसी वर्ग की धार्मिक भावना कैसे आहत हो सकती हैं, जबकि शिकायतकर्ता ने कहा है कि इलाके में हिंदू-मुस्लिम के बीच सौहार्द है। ऐसे में इस घटना को किसी भी तरह से अपराध नहीं माना जा सकता है।


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