आगरा। आगरा के ऐतिहासिक किले में सैकड़ों साल पुराना वह दृश्य जीवंत उठा जब छत्रपति शिवाजी महाराज ने तत्कालीन मुगल शासक औरगंजेब के दरबार में अस्मिता और स्वाभिमान का प्रदर्शन किया था। आगरा किला छत्रपति शिवाजी की शौर्यगाथाओं से गूंज उठा। रह-रह कर जय भवानी जय शिवाजी के नारे लगते रहे। किले के बाहर अतिथियों का स्वागत भी मराठी अंदाज में किया गया। आगरा किले को देखने आये विदेशी पर्यटक भी इस समारोह का हिस्सा बन गए।
अतुलनीय योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर अजिंक्य देवगिरी प्रतिष्ठान की महाराष्ट्र इकाई ने आगरा किले में यह भव्य आयोजन किया था। इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ देवेन्द्र फड़णवीस ने शिवाजी महाराज की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उनका स्वागत अजिंक्य देवगिरी प्रतिष्ठान, महाराष्ट्र के अध्यक्ष विनोद पाटिल ने साफा पहनाकर किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल, सांसद राज कुमार चाहर, महाराष्ट्र सरकार के कई मंत्री और विधायक भी मौजूद थे।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने मुगलकाल में घटी घटना के इतिहास के पन्नों को पलटते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने हमें स्वाभिमान सिखाया। अपनी जान की परवाह किए बगैर शिवाजी महाराज ने औरंगजेब को बताया था कि कि मैं राजा हूं और मेरे साथ एक राजा की तरह व्यवहार होना चाहिए। यह स्वाभिमान उन्होंने हमें सिखाया। अपना शौर्य दिखाते हुए छत्रपति औरंगजेब की कैद से आगरा किले से निकले और वापस स्वराज्य स्थापित किया।
कार्यक्रम के आयोजक विनोद पाटिल को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्रपति शिवाजी के इतिहास को जागृत करने व उनसे प्रेरणा लेने के लिए हम सब यहां एकत्र हुए हैं। आगरा किले में आयोजन की अनुमति के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रतापराव जाधव, केंद्रीय मंत्री आयुष (स्वतंत्र कार्यभार) रावसाहेब दानवे माजी केंद्रीय मंत्री,महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मंत्री आशिष शेलार, महाराष्ट्रके उद्योग और मराठी भाषा मंत्री उदय सामंत, विधायक डॉ.परिणय फुके,केंद्रीय राज्यमंत्री मत्सव्यवसाय, पशुसंवर्धन और दुग्ध विकास एस.पी.एस बघेल, राजकुमार चाहर सांसद फतेहपुर सिकरी, पृथ्वीराज झाला, शुभम थोरात, प्रशांत हरणे, रितेश नाटा, पृथ्वीराज झाला, शुभम थोरात, प्रशांत हरणे आदि उपस्थित थी।
अतिथियों के स्वागत में आगरा किले के द्वार पर ढोल मंजीरे
आगरा किले में आयोजित शिव जयंती (छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती) पर अतिथियों का स्वागत भी मराठी अंदाज में किया गया। मराठी परिधान पहनकर सजे-धजे लोगों ने ढोल नगाड़ों और मंजीरे की स्वरलहरियों पर रोमांचकारी नृत्य किया तो अतिथि भी साथ में थिरकने लगे। वहीं विदेशी पर्यटक भी शिवजयन्ती उत्सव का हिस्सा बन गए। जय भवानी जय शिवाजी के उदघोष हर ओर गुंजायमान हो उठे। वीर शिवाजी की प्रतिमा के साथ हर तरफ लहराते भगवा ध्वज औरंगजेब की कैद से अपनी चतुरता के साथ निकलकर गए शिवाजी की वीरगाथा की कहानी कह रहे थे।
कोल्हापुर गुरुकुल के रोमांचकारी प्रदर्शन ने दर्शकों को किया अचम्भित
कोल्हापुर के सब्यसाची गुरुकुल के विद्यार्थोयों द्वारा प्रदर्शित मर्दाना खेल को देखकर हर कोई अचम्भित हो उठा, जिसमें परम्परागत मराठी साड़ी पहने छात्राओं ने हाथों में डंडों का प्रदर्शन कर निज सुरक्षा के साथ देश सुरक्षा का भी संदेश दिया। वहीं दीपोत्सव व डिजिटल आतिशबाजी ने मानों शिवजयन्ती के उत्सव के उत्साह और उमंग में झिलमिल रोशनी के रंग बिखरे दिए।
शिव जन्म व अफजल खान के वध की नाटिका के मंचन पर जयकारे
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शिव जन्म से लेकर अफजल खान के वध की घटना को नृत्य नाटिका के माध्यम से कलाकारों ने जीवंत कर दिया। मानों इतिहास के पन्ने एक बार फिर से कुछ अलग अंदाज में पलट गए हों। नितिन सरकटे व उत्कर्ष शिन्दे के गायन पर दर्शकों ने दोनों हाथ उठाकर आगरा किले की हर दिशा को शिवाजी महाराज के उदघोष से भर दिया। मराठी स्वागत गीत के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। वहीं समापन अवसर पर शिवजन्मोत्सव भारत वर्ष का गीत प्रस्तुत किया गया।