संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और उसके आस-पास के रेगिस्तानी इलाकों में मंगलवार को हुई भारी बारिश ने भयावह स्थिति बना दी। दुनिया के सबसे स्मार्ट शहरों में शुमार दुबई में हर तरफ पानी ही पानी नजर आने लगा। हालत यह हुई कि दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट को बंद करना पड़ गया। शहर के हाईवे पर गाड़ियां पानी में फंस गईं और शॉपिंग माल से लेकर मेट्रो स्टेशन तक पानी घुस गया।
गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, बारिश सोमवार रात को शुरू हुई और मंगलवार शाम तक इतना पानी बरसा जितना पूरे डेढ़ साल में बरसता है। यूएई से पहले ओमान के अधिकारियों ने बाढ़ की चेतावनी दी थी और बताया था कि देश में पिछले 75 साल में सबसे ज्यादा बारिश हुई है। ऐसे में सवाल उठता है कि रेगिस्तान में इस तरह से अचानक आई भारी बारिश की वजह क्या है?
क्लाउड सीडिंग को बताया जा रहा वजह
यूएई की सरकारी न्यूज़ एजेंसी WAM ने मंगलवार की बारिश को ऐतिहासिक घटना कहा है। 1949 में डेटा इकठ्ठा किए जाने के बाद से यह देश में सबसे अधिक बारिश है। यानी इलाके में तेल की खोज के पहले इससे ज्यादा बारिश हुई होगी। विशेषज्ञ इसके पीछे प्रकृति से छेड़छाड़ को वजह बता रहे हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, दुबई और संयुक्त अरब अमीरात के दूसरे हिस्सों में हाल ही में हुई बारिश और उसके बाद आई बाढ़ देश में होने वाली क्लाउड सीडिंग से जुड़ी हुई है।
संयुक्त अरब अमीरात पृथ्वी पर सबसे गर्म और शुष्क क्षेत्रों में से एक में स्थित है। यह देश बारिश को बढ़ाने के लिए क्लाउड सीडिंग तकनीक का उपयोग करने में आगे है। इस तकनीक का मुख्य उद्देश्य बढ़ती आबादी और अर्थव्यवस्था की पानी की मांग को पूरा करना है, जो पर्यटन और अन्य क्षेत्रों में विविधता ला रही है।
यूएई ने 2002 में अपना क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन शुरू किया। इसमें खास अविध के दौरान बादलों की संरचना पर ध्यान केंद्रित किया गया, जब इनमें अतिरिक्त वर्षा की संभावना सबसे अधिक होती है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में मौसम विज्ञानी अहमद हबीब के हवाले से कहा गया है कि हाल ही में सीडिंग के लिए विमानों को अल-एन हवाई अड्डे से भेजा गया था।
क्या है क्लाउड सीडिंग?
क्लाउड सीडिंग उस प्रक्रिया को कहते हैं जो कृत्रिम वर्षा कराने के लिए की जाती है। इस प्रक्रिया में विमान या हेलीकॉप्टर का उपयोग करके बादलों में सिल्वर आयोडाइड या पोटेशियम आयोडाइड जैसे पदार्थों को शामिल करना शामिल है। यूएई के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने पुष्टि की कि अधिकतम वर्षा के लिए सीडिंग विमानों ने दो दिनों ने सात बार उड़ान भरी थी।
-एजेंसी
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