दिल्ली हाईकोर्ट ने आज आबकारी नीति घोटाले को लेकर CBI द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में CM अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान अदालत में केजरीवाल के वकील ने कहा कि केजरीवाल कोई आतंकवादी नहीं हैं, उन्हें जमानत क्यों नहीं दी जा रही?
केजरीवाल के वकीलों ने दी ये दलीलें
दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के वकीलों से पूछा कि उन्होंने जमानत के लिए सीधे हाई कोर्ट का रुख क्यों किया, जबकि उनके पास सेशन कोर्ट में इसके लिए अर्जी देने की रेमेडी उपलब्ध थी। केजरीवाल के वकीलों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के तमाम फैसले ऐसे हैं जो हमें सीधे यहां आने का अधिकार देते हैं। हमारे ऊपर ट्रिपल टेस्ट की शर्तें लागू नहीं होती हैं, न कोई फरार होने का खतरा है। इस बात पर भी गौर किया जाए कि केस दर्ज होने के दो साल बाद गिरफ्तारी हुई है। सीबीआई ने विरोध करते हुए कहा कि वे सीधे यहां नहीं आ सकते। हमने चार चार्जशीट दाखिल की हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को 26 जून के दिन केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। इसके साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज धन शोधन मामले के सिलसिले में केजरीवाल पहले से न्यायिक हिरासत में हैं।
अदालत में केजरीवाल की ओर से सीनियर वकील विक्रम चौधरी और अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए। सिंघवी ने कहा, यह ऐसा मामला नहीं है जिसमें ट्रिपल टेस्ट का दूर-दूर तक कोई आरोप लगा हो। इस मामले में चार लोगों को जमानत मिल चुकी है। सामान्य जमानत टेस्ट में कौन सा टेस्ट उसे जेल में रखता है? उसे 2 साल बाद गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे ईडी केस में ट्रायल कोर्ट से जमानत मिली और उसके बाद ही मुझे गिरफ्तार किया गया। मैं कोई घोषित अपराधी या आतंकवादी नहीं हूं। मैं कुछ अंतरिम राहत मांग रहा हूं।’
सीबीआई की ओर से सीनियर वकील डीपी सिंह पेश हुए। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने (केजरीवाल) गिरफ्तारी को चुनौती दी है, यह पहले से ही यहां लंबित है। जमानत के लिए अर्जी पहले ट्रायल कोर्ट में होनी चाहिए थी। इस मामले में अब अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी।
-compiled by up18News
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