वाराणसी में ज्ञानवापी केस में आज से जिला कोर्ट की सुनवाई पूरी हो चुकी है। आज मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलीलें रखी, हालांकि मुस्लिम पक्ष की कुछ दलीलें अभी शेष रह गई है, जिन पर अब 12 जुलाई को सुनवाई होगी। आपको बता दें कि श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन पूजन मामले की 84 दिन में पूरी सुनवाई करने के बाद जज को फैसला सुनाना है।
ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश फिर से सुनवाई करेंगे। ज्ञानवापी मस्जिद की देखभाल करने वाली अंजुमन इंतजामिया कमेटी की ओर से सुप्रीम कोर्ट तक इस मामले को ले जाया गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस पूरे मामले की पोषणीयता पर सुनवाई सिविल जज रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट से जिला जज अजय विश्वेश की कोर्ट में मामला ट्रांसफर कर दिया गया था।
मई में हुआ था सर्वे
आपको बता दें कि मई माह में श्रृंगार गौरी दर्शन मामले में सिविल जज ने ज्ञानवापी के पूरे परिसर की कमीशनिंग करवाई थी, इसके बाद ही वजू खाने में शिवलिंग मिलने का मामला सामने आया था। 4 जुलाई से शुरू हो रही सुनवाई के लिए सभी पक्षकार फिर से जिरह के लिए तैयार हैं। मुस्लिम पक्ष के वकील अभय नाथ यादव का कहना है कि 1935 के दीन मोहम्मद मामले में वक़्फ़ की प्रॉपर्टी घोषित की जा चुकी है।
गौरतलब है कि विश्व वैदिक सनातन संघ की ओर से राखी सिंह व 4 अन्य महिलाओं ने श्रृंगार गौरी के दर्शन का अधिकार कोर्ट से मांगा गया था और इसके बाद अप्रैल 2022 में कमीशन की कार्रवाई के आदेश के बाद अचानक मुख्य बाजनी राखी सिंह द्वारा केस को वापस लेने की बात सामने आई, लेकिन विश्व वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बिसेन ने इसे खारिज कर दिया।
इसके बाद जितेंद्र सिंह बिसेन ने राखी सिंह के पक्षकार के तौर पर हरिशंकर जैन विष्णु जैन समेत कई वकीलों को राखी सिंह के वकालतनामा से हटा दिया है और उनकी जगह एक दूसरा वकीलों का पैनल अब राखी सिंह की ओर से जिरह करेगा।
-एजेंसियां
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