सेकेंड हैंड गाड़ियों को लेकर होने वाली धांधली पर लगाम लगाने के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय ने एक बड़ा ऐलान किया है। मंत्रालय ने बुधवार को सेकेंड हैंड गाड़ियां कार आदि खरीदने और बेचने वाले डीलरों की प्रामाणिकता की पहचान करने के लिए एक नया नियम पेश किया है। सरकार ने डीलरों की सही पहचान के लिए एक विशेष सर्टिफिकेट जारी करने का फैसला किया है।
भारत में प्री-ओन्ड कारों का बाजार धीरे-धीरे जोर पकड़ रहा है। हाल के वर्षों में ऑनलाइन मार्केटप्लेस के आने से सेकेंड हैंड कार बाजार में अच्छी खासी ग्रोथ देखने को मिली है। हालांकि, इसमें कई धांधलियों की शिकायतें भी पिछले कई सालों से आती रही हैं, जिन पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने ये नोटिफिकेशन जारी किया है।
डीलरों को मिलेगा ये अधिकार
अधिसूचना के अनुसार डीलरों को मोटर वाहनों के पंजीकरण प्रमाण पत्र के नवीनीकरण/फिटनेस प्रमाण पत्र के नवीनीकरण, डुप्लीकेट पंजीकरण प्रमाण पत्र, एनओसी, स्वामित्व के हस्तांतरण के लिए आवेदन करने का अधिकार दिया गया है। एक नियामकीय उपाय के रूप में इलेक्ट्रॉनिक वाहन ट्रिप रजिस्टर का रखरखाव अनिवार्य कर दिया गया है, जिसमें की गई यात्रा का विवरण शामिल होगा।
सेंट्रल मोटर व्हीकल नियम में किया गया संसोधन
सेकेंड हैंड कारों के लिए एक सही नियम बनाने और पारदर्शिता को कायम रखने के लिए सरकार ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के अध्याय III में संशोधन किया है। अधिसूचना के अनुसार पंजीकृत मालिक और डीलर के बीच वाहन की डिलीवरी के संबंध में सूचना का दायरा बढ़ाया गया है। इसके अलावा पंजीकृत वाहनों के कब्जे वाले डीलर की शक्तियों और जिम्मेदारियों को भी स्पष्ट किया गया है।
Compiled: up18 News
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.