नई दिल्ली। भारत सरकार सरकारी कंपनियों और उपक्रमों की बेकार पड़ी जमीनों तथा संपत्तियों को बेचकर सरकारी खजाना भरेगी। आज 9 मार्च को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बाकायदा एक निगम के गठन को मंजूरी दी है। इसका नाम राष्ट्रीय भूमि मौद्रीकरण निगम (NLMC) रखा गया है। सरकार ने एनएलएमसी के गठन के लिए 5,000 करोड़ रुपये की प्रारंभिक अधिकृत शेयर पूंजी (Authorised Share Capital) और और 150 करोड़ रुपये की चुकता शेयर पूंजी (Paid-Up Share Capital) भी आवंटित कर दी है। इस निगम पर 100% मालिकाना सरकार का होगा।
सालाना बजट से पहले पेश किया था आर्थिक सर्वेक्षण
केंद्र सरकार ने 2022 के सालाना बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण एनएलएमसी से जुड़ी योजना का खाका पेश किया था। इसमें बताया गया था कि सरकार की बेकार जमीनों और संपत्तियों को बेचकर या उन्हें पट्टे पर देकर 2024-25 तक 6 लाख करोड़ रुपये की पूंजी हासिल की जा सकती है। यह पैसा विभिन्न विकास योजनाओं को गति देने और सरकार के ऊपर से आर्थिक बोझ कम करने के लिहाज से काफी मददगार होगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए स्पेशल परपज व्हीकल (SPV) गठित करने की भी घोषणा की थी। एनएलएमसी (NLMC) उसी रूप में सामने आया है. इसमें एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) होंगे। उनके साथ तकनीकी टीम होगी. यह चिह्नित जमीनों, संपत्तियों का आकलन, मूल्यांकन करेगी। फिर उन्हें अच्छे से अच्छे दामों पर बेचना या पट्टे पर दिया जाना सुनिश्चित करेगी। इस प्रक्रिया से जुड़ी कानूनी सहित सभी औपचारिकताएं यही टीम देखेगी।
सरकार की 3,400 एकड़ जमीन और कई संपत्तियां बेकार पड़ीं हैं
एक आकलन के मुताबिक, केंद्र सरकार (Central Govt) के पास इस वक्त करीब 3,400 एकड़ जमीन बेकार पड़ी है। इसके अलावा कई इमारतें और अन्य संपत्तियां भी हैं। यह संपत्ति भारत सरकार की कंपनियां और उपक्रमों से संबद्ध है। जैसे- भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL), महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL), आदि। बताते हैं कि सड़क, रेल, ऊर्जा, तेल एवं गैस और दूरसंचार क्षेत्र की सरकारी कंपनियों के पास इस तरह की संपत्ति का कुल करीब 83% हिस्सा मौजूद है।
आर्थिक सुधारों की दिशा में सरकार का बड़ा कदम
आर्थिक मामलों के जानकार एनएलएमसी (NLMC) के गठन को सरकार का बड़ा सुधारवादी कदम (Economic Reform) बता रहे हैं। उनके मुताबिक, ‘अगले 5-10 सालों में अब कई बड़ी चीजें देखने मिलेंगी। शहरों के नवीनीकरण और विकास योजनाओं के लिए काफी जमीन उपलब्ध होगी। ’ इस बाबत केंद्र सरकार के सार्वजनिक संपदा प्रबंधन और निवेश विभाग (DIPAM) के सचिव तुहिन कांत पांडे भी कहते हैं, ‘अब रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण जमीन और संपत्तियां निवेशकों के लिए उपलब्ध होंगी. हम इस किस्म की जमीन और संपत्ति को चिह्नित कर रहे हैं. उनका मूल्यांकन कर रहे हैं। निश्चित रूप से इस प्रक्रिया से एक बड़ा बदलाव आने वाला है। ’
– एजेंसी
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